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World Environment Day: उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने की खास पहल, जल संरक्षण के साथ सौर ऊर्जा पर जोर
Lucknow: पर्यावरण दिवस पर उत्तर रेलवे के डीआरएम एसके सपरा ने मंडल में रेलवे के कार्यों की जानकारी दी। रेलवे भी पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुगम बनाने के लिए कार्य कर रहा है
Lucknow: पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर उत्तर रेलवे के डीआरएम एसके सपरा (DRM SK Sapra of Northern Railway) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंडल में रेलवे द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे भी पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुगम बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। इसके अन्तर्गत चारबाग रेलवे स्टेशन (Charbagh Railway Station) सहित मंडल के स्टेशनों पर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। डीआरएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) द्वारा मंडल के सभी प्रमुख 17 रेलवे स्टेशनों का सहमति (CTO) मिल गया है।
इसमें स्टेशन परिसर में मानक के हिसाब से रेल यात्रियों को पीने के लिए शुद्ध पानी और रेलवे कॉलोनियों में रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारवालों को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही गोमती एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में लोको पायलट और गार्ड लाबी के साथ प्रमुख लोको पायलेट एवं गार्ड विश्रामालय को प्रमाणित किया गया है। पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली वाराणसी और लखनऊ रेलवे स्टेशन को प्रमाणपत्र दिया गया है बाकि बचे 15 रेलवे स्टेशनों के लिए प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही वाराणसी रेलवे स्टेशन पर 550 केएलडी-एसटीपी/डब्लूआरपी लगाया गया है।
वाराणसी स्टेशन के वाशिंग लाइन में लगाया गया एसीडब्लूपी
इसके द्वारा उस एरिया के सीवेज एवं गंदे पानी को रिसाइक्लिंग कर उसे फिर से कार्य में लाया जा रहा है। इससे पर्यावरण को साफ सुफरा रखने के साथ ही पानी की बचत भी होती है। इसके साथ ही वाराणसी स्टेशन के वाशिंग लाइन में एसीडब्लूपी लगाया गया है। जिसमें डब्लूआरपी (वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट) भी शामिल है। यह कोचिंग रैक की कम समय में धुलाई और सफाई करता है। एक बार प्रयोग किए गए पानी को रिसाइकिल करके फिर से धुलाई के लिए उसे प्रयोग किया जाता है। जिससे पानी की बचत हो रही है। वारामसी रेलवे स्टेशन का सीआईआई द्वारा ग्रीन को रेटिंग सर्टिफाइज है।
18 केएलडी क्षमता का लगाया गया वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट
वहीं लखनऊ के आलगबाग स्थित डीजल शेड में 18 केएलडी क्षमता का वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट लगाया गया है। जो गाड़ी संचालन कार्य के उपरांत आने वाले लोकोमोटिव की धुलाई करता है। यहां भी प्रयोग किए गए पानी को रिसाइक्लिंग करके फिर से धुलाई योग्य बनाया जाता है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर त्वरित जल प्रणाली लगाया गया है। जिसमें 40 हार्स पावर के तीन पम्प स्थापित किए गये हैं। इसके द्वारा प्रर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारन के लिए तीन टंकियां लगाई गई है। इस संयंत्र को कंट्रोल पैनल पर रिमोट के माध्यम से भी संचालित किया जाएगा। इसके लगने से जहां मैनपावर की बचत होगी वहीं प्लेटफार्म पर खड़ी यात्री गाड़ियों में कम समय में तेजी से पानी की आपूर्ति होगी।
सौर ऊर्जा पर तेजी से चल रहा काम
साथ ही मंडल में सौर ऊर्जा का भी काम तेजी से चल रहा है। अभी 1351 किलोवाट क्षमता के नए संयंत्र शुरू किए गए हैं, इससे स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा काम होगा। प्रयागराज रेलवे स्टेशन की वाशिंग लाइन पर 250 आईडी क्षमता का ईटीपी संयंत्र लगाया जा रहा है। डीआरएम सपरा ने बताया कि मंडल में 1351 क्षमता के नए संयंत्र को शुरू किया गया है। जो स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा प्रयास है। इसके लिए साथ ही मंडल के कुल सौर ऊर्जा क्षमता 3071 किलोवाट तक पहुंच चुकी है। जिससे लगभग 2121559 यूनिट बिजली पैदा की जा रही है। जिससे रेल राजस्व में करीब 1 करोड़ 70 लाख 72 हजार 472 रुपये की बजत हो रही है। प्रयागराज में रेलवे स्टेशन की वाशिंग लाइन पर 250 केएलडी क्षमता का ईटीपी संयत्र लगाने की भी कार्य जारी है।
जल्द ये प्रोजेक्ट होंगे शुरू
- बारिश जल संचयन 29 स्थानों पर बीबीजी कॉलोनी-27 मंडलरेल प्रबंधक भवन-1, चारबाग रेलवे स्टेशन परिक्षेत्र-1 लगाने के लिए प्रस्तावित है।
- रायबरेली रेलवे स्टेशन की वाशिंग लाइन हेतु 500 केएलडी क्षमता का ईटीपी सयंत्र लगाने का प्रस्ताव।
- नार्थ कोचिंग कॉम्पलेक्स चारबाग में 200 केएलडी क्षमता एवं न्यू वाशिंग लाइन सदर में 150 केएलडी क्षमता का संयत्र लगाने का प्रस्ताव।