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Rampur News: अब विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी का बदला गया नाम, मीटिंग में राज्यपाल ने वर्चुअली की शिरकत
Rampur News: रामपुर की रजा लाइब्रेरी (Raza Library Rampur) का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। इस रजा लाइब्रेरी के निदेशक के रूप में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ आज सालाना मीटिंग में शामिल हुए।
Rampur News: रामपुर की रजा लाइब्रेरी (Raza Library Rampur) का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। इस रजा लाइब्रेरी के निदेशक के रूप में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ आज सालाना मीटिंग में शामिल हुए। यूपी की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शिरकत कर मार्गदर्शन किया। चूंकि रजा लाइब्रेरी का अध्यक्ष यूपी का राज्यपाल ही माना जाता है।
सात करोड़ की लागत से होगा लाइब्रेरी का कायाकल्प
आज रज़ा लाइब्रेरी की बैठक कई अहम फैसले लिए गए। जिनपर रजा लाइब्रेरी के अध्यक्ष के तौर पर राज्पाल आनंदीबेन पटेल ने मुहर लगाई। सबसे पहला रजा लाइब्रेरी का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी मिली। अब रजा लाइब्रेरी का नाम रज़ा लाइब्रेरी एवं म्यूजियम होगा। इसके अलावा इस लाइब्रेरी में शुक्रवार को छुट्टी होती थी, लेकिन अब सोमवार को छुट्टी होगी। रजा लाइब्रेरी की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए और म्यूजियम के विकास के लिए सात करोड़ 24 लाख की लागत से रजा लाइब्रेरी को खूबसूरत बनाया जाएगा। इस प्रस्ताव पर भी अध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने अपनी मंजूरी दे दी है।
रजा लाइब्रेरी की स्थापना को होने वाले हैं 250 वर्ष पूरे
जिला अधिकारी रामपुर रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि अब रजा लाइब्रेरी, रजा लाइब्रेरी एंड म्यूजियम के रूप में जानी जाएगी। जिससे यहां के जो म्यूजियम हैं, उसकी लोकप्रियता बढ़ेगी। पर्यटन के क्षेत्र में भी रामपुर की रजा लाइब्रेरी एक अलग फलक पर जाएगी। इसके अतिरिक्त जो वार्षिक रिपोर्ट होती है, एमओयू होते हैं और रजा लाइब्रेरी के डेवलपमेंट को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जो विजन है, उसके अनुरूप एमएमएलसी से 7 करोड़ 20 लाख रुपए लाइब्रेरी को मिले हैं। आगामी समय में लाइब्रेरी ढाई सौ वर्ष पूर्व करने जा रही है। उस वर्ष में हम उसका स्वर्णिम युग फिर से लेकर आएं इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। डीएम ने बताया कि छुट्टी के लिए शुक्रवार की जगह सोमवार का दिन इसलिए रखा गया है, चूंकि वीकेंड में ज्यादा टूरिस्ट आते हैं और लाइब्रेरी स्टाफ न होने की वजह से इसकी लोकप्रियता पर असर पड़ सकता था।