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World Hypertension Day 2022: लखनऊ में स्कूल जाने वाले बच्चे हो रहे हाई ब्लडप्रेशर के शिकार

World Hypertension Day 2022: केजीएमयू के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के सर्वे में सामने आया है कि लखनऊ के स्कूल जाने वाले बच्चे भी हाई ब्लडप्रेश का शिकार बन रहे हैं।

Rishi Bharadwaj
Report Rishi BharadwajPublished By Deepak Kumar
Published on: 13 May 2022 9:28 AM GMT
School going children in Lucknow are suffering from high blood pressure
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ब्लड प्रेशर। (Social Media)

World Hypertension Day 2022: अभी तक माना जाता था कि हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत सिर्फ युवाओं को होती है। लेकिन केजीएमयू (KGMU) के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट (Department of Physiology) के सर्वे में सामने आया है कि लखनऊ के स्कूल जाने वाले बच्चे भी हाई ब्लडप्रेशर (high blood pressure) का शिकार बन रहे हैं। फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट ने राजधानी के कई स्कूलों में किये अपने सर्वे में 12 से 20 साल के 5000 बच्चों का ब्लड प्रेशर जांचा। इस जाँच में ये सामने आया कि लगभग 5 प्रतिशत बच्चे असामान्य ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इस सर्वे को डॉ. नरसिंह वर्मा और डॉ. वंदना ने 4 महीने में पूरा किया है। इसके साथ ही लखनऊ के स्कूलों में अब बड़ी तादात में कैंप लगा बच्चों के ब्लड प्रेशर की जांच हो रही है।

मां बाप के सपनों का बोझा ढोने को मजबूर

World Hypertension Day 2022-सर्वे के बाद कहा जा रहा है की बच्चों के इस असामान्य ब्लड प्रेशर (blood pressure) में मां बाप का बड़ा हाथ हो सकता है। बच्चों पर पढाई में लगातार अच्छा करने का दबाव डाला जा रहा है। कुछ ऐसा ही हमने भी देखा है कि आईपीएल में खेलते देखने कि चाहत में मां बाप बच्चों पर दबाव बना रहे। हमेशा बेहतर करने के दबाव में बच्चे तनाव में रहते हैं। जो उनको ब्लडप्रेशर का मरीज बना रहा है। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।


बाप बच्चों पर काफी अधिक प्रेशर हैं डालते

एमजीएम पब्लिक स्कूल (NGM Public School) की इंचार्ज नीतू कहती हैं कि उन्होंने भी देखा है कि मां बाप बच्चों पर काफी अधिक प्रेशर डालते हैं। वो अपने सपनों को बच्चे से पूरा होते देखना चाहते हैं। जबकि ये गलत है। उन्हें समझना चाहिए कि हर एक बच्चा इंजीनियरिंग या डॉक्टर की पढाई नहीं कर सकता। वो खेल में अच्छा कर सकता है, सीए बन सकता है साइंटिस्ट बन सकता है। बच्चे से भी पूछना चाहिए कि आखिर बच्चा क्या पढना चाहता है। क्या बनना चाहता है। ऐसे तो बच्चे तनाव में कुछ भी नहीं कर सकेंगे।

जीवनशैली फ़ास्ट फ़ूड और तनाव बच्चों को असामान्य ब्लडप्रेशर

डॉक्टर शैलेश कुमार कहते हैं, बच्चों में देखा गया है कि अब वो ज्यादातर फोन यूज करते हैं, या पढाई में लगे रहते हैं। पैरेंट्स का उनपर इतना अधिक प्रेशर होता है सक्सेस को लेकर कि उनके मन उनके शरीर पर इसका बुरा असर हो रहा है। पैरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चों को खुल कर जीने का मौका दें। अनावश्यक तनाव दबाव न दें उन्हें। बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए। आजकल तो सभी पैरेंट्स को अपने बच्चे का ब्लडप्रेशर जांचते रहना चाहिए। यदि उसमें कोई बड़ा अंतर देखने को मिलता है तब ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

World Hypertension Day 2022-उन्होंने बताया बदली हुई जीवनशैली फ़ास्ट फ़ूड और तनाव बच्चों को असामान्य ब्लडप्रेशर के साथ ही शुगर का भी मरीज बना रही है। बच्चा मोटा हो या दुबला पतला उसे ऐसी लाईलाज बिमारी लग रही हैं। हाई ब्लडप्रेशर का समय रहते इलाज नहीं कराने पर बच्चे की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। वो ब्रेन स्ट्रोक गुर्दे की बीमारी और दिल का मरीज भी बन सकता है।

Deepak Kumar

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