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World Liver Day 2022: लीवर Disease से मरते हैं हर साल 2 लाख लोग, SGPGI में कल कर सकेंगे दान

World Liver Day 2022: भारत में लगभग 2,00,000 लोगों की हर साल लिवर की गंभीर बीमारियों से मृत्यु हो जाती है। लगभग 50,000-60,000 व्यक्तियों को जीवित रहने के लिए प्रत्यारोपण की जरूरत होती है।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Deepak Kumar
Published on: 19 April 2022 1:10 AM GMT (Updated on: 19 April 2022 1:11 AM GMT)
World Liver Day 2022
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World Liver Day 2022। (Photo- Social Media)

World Liver Day 2022: भारत में लगभग 2,00,000 लोगों की हर साल लिवर की गंभीर बीमारियों से मृत्यु हो जाती है। लगभग 50,000-60,000 व्यक्तियों को जीवित रहने के लिए, प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। सरकार इससे संबंधित बीमारियों और यकृत दान पर जागरूकता को प्राथमिकता भी देती है। गौरतलब है कि लिवर से संबंधित बीमारियों और लिवर को स्वस्थ रखने के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस (World Liver Day) मनाया जाता है।

कोई भी व्यक्ति दान कर सकेगा लिवर

पीजीआई (PGI) में स्थापित 'स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन फॉर द स्टेट ऑफ उत्तरप्रदेश' द्वारा मंगलवार को विश्व लिवर दिवस (World Liver Day) के मौके पर एक वैज्ञानिक सत्र एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसके द्वारा लिवर को स्वस्थ रखने के तरीकों, संबंधित बीमारियों के साथ-साथ यकृत दान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने पर बल दिया जायेगा। बता दें कि यह कार्यक्रम अस्पताल प्रशासन विभाग द्वारा हेपेटोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागों के सहयोग से आयोजित होगा। जहां पर कोई भी व्यक्ति पहुंचकर, अपने लिवर को दान कर सकता है।

वैज्ञानिक सत्र पर विशेषज्ञ देंगे प्रोफेसर

वैज्ञानिक सत्र की शुरुआत इस क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ हेपेटोलॉजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर आरके धीमन (HOD Professor RK Dhiman), गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के एचओडी प्रो. यू.सी. घोषाल, सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो राजन सक्सेना व नेफ्रोलॉजी के प्रो अनीता सक्सेना संबोधन देंगी। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ गौरव अग्रवाल भी इस मौके पर लेक्चर देंगे।

'राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन'

अंग दान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की छत्रछाया में 'राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन' (NOTTO) एक राष्ट्रीय स्तर का संगठनात्मक ढांचा बनाया गया। इसके बाद, एक त्रि-स्तरीय राष्ट्रीय नेटवर्किंग प्रणाली- NOTTO, क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (ROTTO) और राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) को पूरे भारत में स्थापित किया गया, ताकि इस आदेश को आगे बढ़ाया जा सके।

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Deepak Kumar

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