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महिलाएं माहवारी पर खुलकर करें बात, मोहनलालगंज में संचालित हुआ कार्यक्रम
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन (माहवारी से जुड़ी साफ-सफाई) डे को मनाने की शुरुआत 2014 में हुई थी।
नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। माहवारी के दौरान साफ-सफाई के लिए महिलाओं को जागरूक करने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। हर महिला इस मासिक धर्म प्रक्रिया से गुजरती है। ये कोई रोग नहीं होता है बल्कि ये एक धर्म प्रकृति से जुड़ी प्रक्रिया है।
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन (माहवारी से जुड़ी साफ-सफाई) डे को मनाने की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसे मनाने का एकमात्र उद्देश्य लड़कियों/महिलाओं को पीरियड्स के उन खास दिनों में स्वच्छता (Cleanliness) और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।
माहवारी में महिलाएं
सामान्यत् महिलाओं के पीरियड्स 28 दिनों के अंदर आते हैं। आमतौर पर ये पांच दिनों की प्रक्रिया होती है। इसी कारण इस खास दिवस को मनाने के लिए साल के पांचवें महीने मई की 28 तारीख को चुना गया।
ऐसे में आज माहवारी दिवस के अवसर पर महिलाओं के माहवारी स्वच्छता एवं प्रबंधन के विषय मे ब्रेकथ्रू द्वारा बक्शी का तालाब मोहनलालगंज एवं गोसाई गंज ब्लॉक के चयनित गांव में किशोर किशोरियों के साथ एवं महिलाओं के साथ मिलकर माहवारी दिवस मनाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग, वाल राइटिंग, सेनेटरी नैपकिन पर कार्यशाला आयोजित की गई। आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माहवारी के मुद्दे पर भ्रांतियों को खत्म करके लड़कियों को लड़को के समान अवसर उपलब्ध कराना है।
आज के कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू की गोसाई गंज टीम से दुर्गेश, हिना, रामजानकी मोहनलालगंज टीम से आदित्य, मीरा,ज्योति एवं बक्शी का तालाब टीम से श्वेता, शहनवाज़ एवं विनय द्वारा कार्यक्रम को संचालित किया गया।
सालों पहले मासिक धर्म या माहवारी के बारे में महिलाएं बात करने के कतराती थी। लोग इन पांच दिनों के दौरान महिलाओं को अछूत मानते थे। साथ ही इस बारे में कोई खुलकर बात नहीं करता था। ऐसे में महिलाएं इसके लिए मानसिक रूप से पहले से तैयार नहीं होती थीं।
जिसके चलते न तो इसके प्रति जागरूक होती थीं और न ही इससे होने वाली बीमारियों के बारे में ही जानती थीं। जिससे उन्हें दर्दनाक पीड़ा का सामना करना पड़ता था। ऐसे में इस दिवस के बहाने लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाता है कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं।
वहीं यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। ऐसे में महिलाओं के इस प्रकृति प्रक्रिया पर घर और समाज में खुलकर बात करने की जरूरत पर बल दिया जाता है। जिससे इस दौरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सके और महिलाओं को पीड़ा से बचाया जा सके।