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World No Tobacco Day: कोरोना वायरस और तंबाकू का है गहरा संबंध, डाॅक्टर ने दी ये बड़ी जानकारी
डॉ प्रतीक गुबरेले ने बताया कि वर्तमान समय में कोविड के प्रसार के लिए तंबाकू भी एक कारण हो सकती है।
झाँसी: तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट का सेवन करने से न सिर्फ़ स्वास्थ्य बल्कि जन, धन, समय आदि की भी हानि होती है। इसके उपभोक्ता न सिर्फ़ अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते है बल्कि अपनी और परिवार की जमा पूंजी भी इसके इलाज़ में ख़र्च कर देते हैं।
जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ॰ प्रतीक गुबरेले बताते है वर्तमान समय में कोविड के प्रसार के लिए तंबाकू भी एक कारण हो सकती है। क्योंकि कोरोना का वायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है। ऐसे में कोविड संक्रमित के तंबाकू सेवन के बाद यहाँ वहाँ थूकने से इसके प्रसार को बढ़ावा मिलता है। प्रदेश में तो खुले में थूकने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
वही दूसरे रूप में धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है, इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है। जिससे फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से कोरोना संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है। यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक रहता है।
तंबाकू ओरल हाइजीन को भी बिगाड़ता है
डॉ॰ प्रतीक गुबरेले बताते है कि कोविड प्रसार के अलावा धूम्रपान करने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। तंबाकू का सेवन ओरल हाइजीन (मुंह की स्वच्छता) को भी बिगाड़ता है, जिससे कई तरह की समस्याओं का इजात होता है। वर्तमान में जब कोविड अपने अनेक रूपों में हम पर अटैक कर रहा है, ऐसे में इसके प्रसार को रोकने में सहायक सभी तत्वों पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि तंबाकू सिर्फ़ इसका सेवन करने वाले को नहीं बल्कि उसके आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचाती हैं, जैसे यदि कोई धूम्रपान करता है तो उसके फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है। तंबाकू सेवन खतरों और इसके सेवन को रोकने के उद्देश्य से ही हर वर्ष 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। इस वर्ष की इस दिवस की थीम 'विजेता बनने के लिए तंबाकू छोड़े' है। डॉ॰ गुबरेले बताते है कि जिस तरह लोग कोविड महामारी के दौर में कोविड प्रोटोकॉल को अपनाकर और अपना ख्याल रखकर इस बीमारी से उबरकर कोविड विजेता बन रहे है वैसे ही सभी लोगों को अपना और अपनों का ख्याल रखते हुये तंबाकू को छोड़कर विजेता बनना चाहिए।
क्या कहता हैं आंकड़ा
वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण-2 (गैट्स-2) 2016-17 के अनुसार बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों के सेवन से आज हमारे देश में हर साल करीब लगभग 13 लाख 50 हज़ार लोग यानि करीब 3 हजार 6 सौ लोग हर रोज दम तोड़ देते हैं। गैर संचारी रोगों से मरने वाले 63 प्रतिशत लोगों तंबाकू एक प्रमुख कारण होता है। वही देश में हर दिन लगभग 5 हज़ार 5 सौ युवा तंबाकू खाना शुरू कर रहे है।
कोविड सैंपलिंग टीम को दिलाई गई शपथ
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के एक दिन पूर्व रविवार को सैंपलिंग टीम प्रबन्धक और तंबाकू प्रोग्राम के मनोवैज्ञानिक पंकज तिवारी ने सभी टीम को तंबाकू छोड़ो अभियान से जोड़ते हुये, तंबाकू का सेवन न करने की शपथ दिलाई। वह बताते है कि जब से कोविड शुरू हुआ है तब से वह कोविड के ड्यूटि कर रहे है ऐसे में आम जनमानस को तंबाकू के दुष्परिणामों को बताने के लिए समय समय पर शिविर का आयोजन किया जाता है, नवम्बर वर्ष 2020 से फरवरी वर्ष 2021 तक शिविरों के माध्यम से लगभग नौ सौ से अधिक लोगों की काउंसिलिंग की गयी है। आम जनमानस काउंसिलिंग के लिए इस नंबर 180-011-2356 पर संपर्क कर सकता है।