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विश्व टीबी दिवस: KGMU ने की मरीजों के लिए जागरूकता रैली, बताए ये उपाय

टीबी को हम जड़ से उखाड़ फेंकेगे। लोगों को इसके प्रति जागरूक करते रहेंगे। इस शपथ के साथ विश्व टीबी दिवस पर 19 मार्च को किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने अपने दिन की शुरुआत की।

priyankajoshi
Published on: 19 March 2018 8:51 PM IST
विश्व टीबी दिवस: KGMU ने की मरीजों के लिए जागरूकता रैली, बताए ये उपाय
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लखनऊ: टीबी को हम जड़ से उखाड़ फेंकेगे। लोगों को इसके प्रति जागरूक करते रहेंगे। इस शपथ के साथ विश्व टीबी दिवस पर 19 मार्च को किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने अपने दिन की शुरुआत की।

माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग द्वारा रैली का आयोजन हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट सहित डॉक्टर और अन्य लोग शामिल हुए। जागरूकता रैली केजीएमयू के प्रशासनिक भवन से शुरू होकर ट्रामा सेंटर तक गई। सभी डॉक्टरों ने टीबी को जड़ से खत्म करने का शपथ लिया और लोगों को जन हस्ताक्षर अभियान में शामिल होने का न्योता भी दिया।

विश्व टीबी दिवस पर newstrack.com आपको बता रहा है कि आखिर टीबी बीमारी कैसे होती है और इस रोग से बचने के क्या उपाय हैं।

क्या है टीबी बीमारी

टीबी एक संक्रामक रोग है जो मैकोबैक्टोरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु सीधा आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नाखून तथा बाल के अलावा यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।

टीबी के लक्षण

-दो सप्ताह से अधिक होने पर खांसी का आना पल्मोनरी टीबी का प्रमुख लक्षण हैं।

-सीने में दर्द, बुखार आना, वनज का निरन्तर कम होना, भूख न लगना, कमजोरी या थकान महसूस करना एवं रात में पसीना आना।

तुरंत जांच करवाना जरूरी

उपरोक्त कोई भी लक्षण होने पर आप तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और अपने बलगम की जांच अवश्य करानी चाहिए।

ऐसे फैलती है यह बीमारी

-यह हवा के माध्यम से फैलती है। जब कोई टीबी मरीज खांसता, छींकता या बोलता है तो जीवाणु हवा में फैल जाते हैं।

-एक टीबी मरीज से 10 लोगों को संक्रमण

-एक टीबी मरीज वर्ष भर में कम से कम 10 लोगों को संक्रमित करता है।

ऐसे कराएं टीबी की जांच

टीबी रोग की पुष्टि सामान्यतः बलगम की जांच एंव छाती के एक्स-रे के माध्यम से की जाती है। सभी जांचें नि:शुल्क हैं। इसके लिए मरीज को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या डिस्ट्रिक्ट माइक्रोस्कोपी सेंटर पर होती है।

टीबी का इलाज संभव है

टीबी का इलाज संभव है लेकिन इसके लिए 6 से 9 महीने तक एंटी-टी बी दवाएं दी जाती हैं। डॉट्स टीबी के इलाज का प्रमुख माध्यम है। बस यह ध्यान रखें कि डॉक्टर आपको टीबी होने पर जो दवा का कोर्स चला रहा हो, उसको मरीज पूरा करे।



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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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