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झटका ! जेपी का 500 हेक्टेयर जमीन का लीज डीड प्राधिकरण करेगा रद
जेपी इंफ्राटेक और जेपी एसोसिएट पर शिकंजा कसता जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बकाया किश्त 1,453 करोड़ रुपए का भुगतान न करने पर जेपी एसोसिएट को एसईजेड के तहत आवंटित 500 हेक्टेयर जमीन की लीज डीड रद्द कर वापस लेने का फैसला लिया है।
नोएडा : जेपी इंफ्राटेक और जेपी एसोसिएट पर शिकंजा कसता जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बकाया किश्त 1,453 करोड़ रुपए का भुगतान न करने पर जेपी एसोसिएट को एसईजेड के तहत आवंटित 500 हेक्टेयर जमीन की लीज डीड रद्द कर वापस लेने का फैसला लिया है।
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण का निर्माण करने के बदले जेपी इंफ्राटेक का नोएडा-आगरा के बीच पांच स्थानों पर लैंड फॉर डवलपमेंट के तहत 2,500 हेक्टेयर जमीन दिया गया था। जिसका प्राधिकरण पर करीब 2,889 करोड़ रुपए बकाया है। प्राधिकरण ने 2,889 करोड़ रुपए वसूलने के लिए जेपी इंफ्राटेक से उसके बदले एलएफडी की जमीन वापस लेने के लिए शासन को पत्र भेज दिया है।
जेपी इंफ्राटेक के तीन हजार निवेशकों के हित में प्राधिकरण ने निर्णय लिया कि 31 अक्टूबर तक उनका जमा पैसा वापस नहीं किया तो आवंटन रद्द कर जमीन बेच कर प्राधिकरण निवेशकों का पैसा वापस करेंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सोमवार को हुई 61वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
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बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार व सीईओ डा. अरूण कुमार सिंह ने सुुयंक्त रूप से बताया कि जेपी एसोसिएट को एडीजेड के तहत एक हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित किया गया था। जिसमें जेपी को 31 अगस्त 2017 तक 1,453 करोड़ रुपए जमा करना था। जिसमें 342 करोड़ रुपए मूलधन, 1,065 करोड़ रुपए 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 54.560 करोड़ रुपए लीज रेंट का बकाया है।
बकाया रकम वसूलने के लिए प्राधिकरण ने एसईजेड का 500 हेक्टेयर जमीन का लीज डीड रद्द कर जमीन वापस लेने का फैसला लिया है। प्राधिकरण अध्यक्ष ने बताया कि अब जेपी ने अगर निर्धारित समय से जो भी बकाया किश्त जमा नहीं की तो उसके बदले जमीन वापस ली जाएगी।
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डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि जेपी इंफ्राटेक ने यमुना विहार, उड़ान, नेचर व्यू, बुद्धा सर्किट-एक व दो के नाम से प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। करीब तीन हजार निवेशकों ने फलैट व भूखंड बुक कराया था। जेपी ने दो साल पहले सभी प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था और निवेशकों को दो साल के अंदर ब्याज समेत जमा पैसा वापस करने का वादा किया था।
इसके बाद अभी तक उसने पैसा वापस नहीं किया। प्राधिकरण के सीईओ ने जेपी इंफ्राटेक को नोटिस जारी कर एक साल के अंदर चार किश्तों में निवेशकों का पैसा वापस करने का आदेश दिया था। पहली किश्त उसे 31 अक्टूबर तक वापस करना है।