TRENDING TAGS :
Year Ender 2022: समाजवादी पार्टी के लिए यह साल रहा 'कभी खुशी कभी गम' वाला
Year Ender 2022: ये साल समाजवादी पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहा। जहां पार्टी को विधानसभा चुनाव में निराशा हांथ लगी। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का लंबी बिमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 10 अक्टूबर, 2022 को निधन हो गया।
Year Ender 2022: समाजवादी पार्टी के लिए 2022 की शुरुआत निराशाजनक रही। लेकिन जाते-जाते कुछ खुशियां झोली में डाल गई। माना जा रहा था कि 2022 विधान सभा चुनाव में इस बार सपा बाजी मार लेगी लेकिन बाजी पलट गयी। मार्च, 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सीटें और वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा लेकिन सपा गठबंधन को मात्र 125 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
मुलायम सिंह यादव का निधन
ये साल समाजवादी पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहा। जहां पार्टी को विधानसभा चुनाव में निराशा हांथ लगी। वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का लंबी बिमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में 10 अक्टूबर, 2022 को निधन हो गया।
प्रसपा और सपा का विलय
नेता जी के निधन के बाद से ही चाचा भतीजे में नजदीकियां बढ़ती दिखी। लेकिन अखिलेश और डिम्पल द्वारा शिवपाल सिंह यादव के घर जाकर मनाने के बाद ये नजदीकियां और गहरी हो गई। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव के जीत के बाद प्रसपा का सपा में विलय हो गया। विलय से दोनो पार्टियों के पदाधिकारियों में भारी उत्साह है। दोनों ही दलों के पदाधिकारियों ने इस फैसले का स्वागत किया। उनका उत्साह इस कदर बढ़ गया कि वे आगामी नगर निकाय, लोक सभा और विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं। राजनीति के पंडित भी चाचा-भतीजे के इस मिलन को भाजपा के लिए चुनौती मान रहे हैं। चाचा भतीजे में तल्खी की शुरुआत 2009 में डिम्पल यादव के उप चुनाव में हार के साथ शुरू हुई थी, और 2022 में जीत के साथ खत्म हुई। समाजवादी पार्टी के लिए ये एक अच्छी शुरुआत है।
मुलायम के बाद मैनपुरी में डिम्पल राज
सपा संस्थापक और मैनपुरी से सांसद रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी ने डिम्पल यादव को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा जहां से डिंपल यादव ने भारी मतों से विजयी रही। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर को हुआ। जबकि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव का परिणाम गुरुवार, 8 दिसंबर को काउंटिंग के बाद जारी कर दिया। आयोग की माने तो डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के 64 प्रतिश मतदाताओं ने वोट किया। उन्हें कुल 6 लाख 17 हजार 625 वोट मिले। जबकि बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 3 लाख 29 हजार 489 वोट मिला। उनका वोट प्रतिशत 34.18 प्रतिशत रहा।
मैनपुरी उपचुनाव भारी जीत के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नें खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, "ये जीत मैनपुरी के मतदाताओं की नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस जीत ने नकारात्मक राजनीति को पराजित किया है।"
2022 विधानसभा चुनाव मे सपा का प्रदर्शन
2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 403 में से 273 सीटों पर जीत दर्ज की है। दूसरे नंबर पर रही समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bhartiya Samaj Party) के साथ मिलकर 125 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। यदि सपा की बात करें तो अकेले 111 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं वोट प्रतिशत की बात करें तो पार्टी स्थापना के बाद सपा को इस बार सबसे ज्यादा मत मिला है। फिर भी सपा सत्ता से दूर है। फिर वह सत्ता से दूर कैसे रह गई? क्या साइकिल पंचर करने में बसपा का रोल सबसे ज्यादा रहा? इसे चुनाव के आंकड़ों को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है।
सपा का अन्य दलों से गठबंधन
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अच्छा प्रर्दशन करने के उद्देश्य से कई अन्य दलों के साथ गठबंधन किया था। कुछ दलों के साथ आज भी गठबंधन कायम है। जबकि कुछ दलों से चुनाव में मिली हार के बाद दूरियां बढ़ गयी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद, सुभासपा, महान दल, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), एनसीपी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अपना दल (कमेरावादी) प्रमुख हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा ने पिछड़ी जातियों पर अपना ध्यान केंद्रित किया था। सपा द्वारा किए गए गठबंधन को देख कर ये स्पस्ट हो जाता है। पार्टियों के अलावां सपा में भारतीय जनता पार्टी के तमाम मंत्री भी सम्मिलित हुए थे। इन नेताओं में अधिकतर पिछड़ी जातियों के थे।
रामपुर में ढहा सपा का किला
रामपुर को आजम खान का अभेद्य किला माना जाता था। लेकिन 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा इस किले को भेदने में कामयाब रही। सपा प्रत्याशी आसिम रजा को हराकर भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की। भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा प्रत्याशी आसिम रजा को 33,702 वोटों से हराया है। आकाश को 80,964 वोट मिले, जबकि आसिम रजा को मात्र 47,262 वोट ही प्राप्त हुए। हालांकि सपा ने इस चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।