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Yellow Fungus: ब्लैक और व्हाइट के बाद अब यलो फंगस की पुष्टि, गाजियाबाद से सामने आया पहला केस

Yellow Fungas: Yellow Fungus से डाॅक्टर भी हैरान, कहा घातक है ये बीमारी

Bobby Goswami
Written By Bobby GoswamiPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 24 May 2021 3:38 PM IST (Updated on: 24 May 2021 3:55 PM IST)
Yellow Fungus: ब्लैक और व्हाइट के बाद अब यलो फंगस की पुष्टि, गाजियाबाद से सामने आया पहला केस
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Yellow Fungus: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गाजियाबाद में अब तक ब्लैक और वाइट फंगस के कुल 26 मामले सामने आए हैं। जिनमें 19 मामले ब्लैक फंगस के हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि गाजियाबाद के जाने-माने ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीपी त्यागी ने दावा किया है, कि उनके अस्पताल में एक यलो फंगस का भी मामला सामने आया है। यह अपने आप में बेहद चैंकाने वाला है। डॉक्टर त्यागी ने खुद बताया कि उन्होंने इसके बारे में पहले नहीं पढ़ा था। लेकिन अब संजय नगर से आए मरीज को संबंधित इलाज दिया जा रहा है। डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि कैसे लमससवू फंगस के साथ-साथ ब्लैक और वाइट फंगस की पहचान होती है।



उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी फंगल इंफेक्शन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते अब गाजियाबाद में ऐसे मरीजों की संख्या 26 हो गई है। इनमें से एक मरीज की मौत भी हो गई है। इस बीमारी का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल जिस तरह से यह बीमारी तेजी से फैल रही है। इसके इलाज के लिए भी पर्याप्त मात्रा में अभी दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालांकि इस बीमारी को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। कि सभी जगह कमिश्नरी स्तर पर इसकी दवा उपलब्ध करा दी गई है और निजी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को भी यह दवा उपलब्ध होगी। लेकिन पर्याप्त मात्रा में अभी भी यह दवा नहीं मिल पा रही है।



जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद में आरडीसी राजनगर स्थित हर्ष ई एन टी नाम से एक निजी अस्पताल है। जहां पर जिले में फंगल इन्फेक्शन के मरीजों का उपचार किया जा रहा है। फिलहाल इस अस्पताल में 8 से 10 दिन के अंदर 26 मरीज फंगल इंफेक्शन के आ चुके हैं। इनमें से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बृजपाल तेवतिया का कहना है। कि इन दिनों फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा हो रहा है। क्योंकि इस तरह के मरीज इनके पास अब से पहले साल में एक या दो ही आते थे। लेकिन अब अचानक की इन मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने अपने कैरियर में अभी तक सबसे ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन किए हैं।



डॉक्टर बी पी त्यागी ने बताया कि जिस तरह से इन मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन मरीजों के उपचार के लिए दवा यानी जो इंजेक्शन इसके लिए आवश्यक होते हैं। वह पर्याप्त मात्रा में नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों को 6 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। लेकिन फिलहाल मरीज के लिए जब इंजेक्शन लगाए जाते हैं तो उन्हें एक ही इंजेक्शन उपलब्ध हो पा रहा है और एक इंजेक्शन मरीज को लगा दिया जाए तो ऐसी स्थिति में संक्रमण और तेजी से फैलता है और मरीज की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है। इसलिए 6 इंजेक्शन का एक कोर्स है। वह पर्याप्त मात्रा में मरीज को उपलब्ध होना चाहिए और सरकार को विशेष ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए। ताकि ऐसे मरीजों का उपचार समय पर हो सके। फंगल इन्फेक्शन के विशेषज्ञ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी पी त्यागी ने बताया कि यह बीमारी अक्सर कोरोना ठीक होने के बाद मरीज को अपनी चपेट में लेती है।



शुरुआती दौर में नाक बंद होना, नाक के आसपास सुन्न होना, नाक में सूजन आना यह शुरुआती लक्षण हैं। उसके बाद आंख बाहर निकलना और आंख की रोशनी चला जाना और लगातार उल्टी आने जैसा लगना को माना जाता है। यह फंगस आंख के रास्ते दिमाग की तरफ जा रही है। जिसका ऑपरेशन करना बेहद आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को शुगर होती है ऐसे लोगों को यह बीमारी जल्दी अपनी चपेट में ले लेती है। इसलिए कोरोना के मरीजों को शुगर कंट्रोल करना भी बेहद जरूरी है। यदि इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल प्रभाव से इसकी जांच और उपचार कराना चाहिए।



Pallavi Srivastava

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