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योगी राज में राष्ट्रवाद के नाम पर उबाल, भगत सिंह की मूर्ति को लेकर तनाव 

Rishi
Published on: 21 March 2017 7:33 PM IST
योगी राज में राष्ट्रवाद के नाम पर उबाल, भगत सिंह की मूर्ति को लेकर तनाव 
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इलाहाबाद : यूपी के इलाहबाद में शहीदे आज़म भगत सिंह की मूर्ति शहर के एक अल्पसंख्यक कॉलेज में लगाने को लेकर कॉलेज प्रशासन और छात्र आमने सामने आ गए है। बिगडती स्थितियों को देखते हुए कॉलेज में पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। लेकिन सवाल यही है की क्या अपने ही वतन में शहीदों को चार गज जमीन देने से आखिर यह क्रिश्चियन कॉलेज क्यों कतरा रहा है ?

जिन शहीदों की कुर्बानी की वजह से आज हम खुली हवा में सांस ले रहे, उन्ही शहीदों की मूर्तियाँ लगाने के लिए दो गज जमीन भी नहीं मिल पा रही है। क्रिश्चियन कॉलेज में शहीदे आज़म भगत सिंह की मूर्ति लगाने का जिसे कॉलेज प्रशासन की तरफ से इंकार के बाद कॉलेज प्रशासन और छात्र आमने सामने आ गए हैं। कॉलेज परिसर में जगह-जगह छात्र हाथो में तिरंगा लेकर वन्दे मातरम् और भारत माता के नारे लगाते नजर आ रहे है। छात्रों का कहना है उनके कालेज के अंदर शहीदे आज़म भगत सिंह की एक प्रतिमा लगी थी जो आंधी तूफ़ान में टूट गयी। जिसे दुबारा बनवाने के लिए छात्रों ने जब उस स्थान पर निर्माण शुरू करवाया तो कॉलेज प्रशासन ने स्थायी मूर्ति लगाने से छात्रों को रोक दिया।

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मर्विन मैसी का कहना है कि जिस जगह में यह प्रतिमा लगाई जा रही है वह इविंग इविंग क्रिश्चियन कॉलेज की नहीं है बल्कि इसकी प्रबंध समिति की यानी लखनऊ डायसिस ट्रस्ट एसोसिएशन की है जिसमे वह दखल नहीं दे सकते।

दोनों पक्ष आमने सामने है जबकि लखनऊ डायसिस ट्रस्ट एसोसिएशन फिलहाल इस मामले में अपनी बात सामने रखने से बच रहा है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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