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Yogi Adityanath Birthday: योगी के कक्ष में तैयार हुई थी गोरखबानी की धुन, जानिए इससे जुड़ा मजेदार किस्सा
Yogi Adityanath Birthday: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और साहित्य में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
गोरखपुर: गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री सांस्कृतिक कार्यक्रमों और साहित्य में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। उनकी समझ भी व्यापक है। इसका उदाहरण गोरखबानी की धुन तैयार करने को हुई लंबी कसरत से समझा जा सकता है। मंदिर से जुड़े लोक गायक राकेश श्रीवास्तव योगी के ही कहने पर गोरखबानी की धुन तैयार कर रहे थे। लेकिन कई बार तैयार धुन उन्होंने योगी को सुनाया। योगी हर बार कहते कि कुछ और चाहिए। हताश-निराश राकेश हारमोनियम और बाद्ययंत्र लेकर मंदिर पहुंच गए। और योगी के सामने ही रियाज की अनुमति मांगी। योगी के हां के बाद धुन पर काम होने लगा। घंटों की रियाज के बाद योगी मुस्कराए और गोरखबानी की धुन फाइनल हुई। तबसे गोरखनाथ मंदिर और इससे जुड़े मठों की सुबह इसी गोरखबानी से होती है।
गोरखनाथ मंदिर के संपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन का दायित्व योगी ने लगभग दो दशक से लोक गायक राकेश श्रीवास्तव को सौंपा है। गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव, गुरु पूर्णिमा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, विजयदशमी आदि में सांस्कृतिक संध्या की जिम्मेदारी राकेश पर ही होती है। राकेश बताते हैं कि योगी जी के संगीत और साहित्य की कितनी गहरी समझ है इसकी जानकारी गोरखबानी को संगीतबद्ध करते समय अनुभव हुआ। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। राकेश ने गोरखबानी के कई धुनों को बनाकर योगी को सुनाया। लेकिन उन्हें धुन पसंद नहीं आया।
हर बार वह कहते थे कि कुछ और बनाइए। अंततः राकेश ने योगी जी से कहा कि महाराज जी आज रात में आपके कक्ष में ही आपके समक्ष मैं हारमोनियम और वाद्ययंत्रों के साथ इसका धुन बनाऊंगा। इस पर योगी जी सहर्ष तैयार हो गए और रात में 8:00 बजे का समय उन्होंने निश्चित किया।
निश्चित समय पर राकेश श्रीवास्तव अपने वाद्य यंत्रों के साथ उनके कक्ष में पहुंचे और प्रारंभ हुआ गोरखवानी के धुन बनाने का कार्य। राकेश बताते हैं कि गोरखबानी के लिये जब निर्गुण का एक धुन गाया तो योगी जी के चेहरे पर मुस्कान आई। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यही धुन गोरख वाणी के लिए उपयुक्त है। उसके बाद यह धुन फाइनल हुई।
नियमित बजती है गोरखबानी
गोरखबानी की रिकॉर्डिंग हुई और योगी ने स्वयं समयबद्ध करके मंदिर में उसके प्रसारण की व्यवस्था की है। गोरखनाथ मंदिर गोरखबानी, गोरख चालीसा, मंगल आरती से गुंजायमान होता है। राकेश बताते हैं कि कलाकारों को योगी जी हमेशा भरपूर सम्मान देते है। मंदिर में जब भी कोई सांस्कृतिक आयोजन होता है वे स्वयं फोन पर कार्यक्रम हेतु निर्देश देते है। बेहतरी के लिए चर्चा करते है। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सांस्कृतिक आयोजन के लिए मुझ तक सन्देश भेजते है।
राकेश के गीत 'योगी जी की सेना चली' की रहती है धूम
योगी आदित्यनाथ चाहे चुनाव लड़ रहे हों या फिर उनका सांस्कृतक कार्यक्रम हो। राकेश के गाए गीत योगी जी की सेना चली युवाओं में बेहद पसंद किया जाता है। राकेश बताते हैं कि हिन्दू वाहिनी के गठन के दौरान उसकी गतिविधियों को धार देने के उदेश्य राष्ट्रवादी विचारधारा से ओत प्रोत कई गीतों की रचना कर उसे रिकॉर्ड किया। जिसे सुन युवा रोमांचित हो जाते थे। जब भी योगी का कोई कार्यक्रम या सभा होती थी, यह गीत अनिवार्य रूप से बजता है।