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केंद्र का अनुभव, योगी से नजदीकी ने बढ़ाया जितिन प्रसाद का कद, सीएम ने सौंपी PWD की कमान
Yogi Adityanath Cabinet: जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी मिलने पर कई नेताओं ने हैरानी भी जताई है लेकिन फैसला आलाकमान का है लिहाजा सबको मंजूर भी है.
Yogi Adityanath Cabinet: योगी सरकार 2.0 में सबसे चौंकाने वाला फैसला जितिन प्रसाद को लेकर हुआ है. किसी को ये उम्मीद नहीं थी की जितिन प्रसाद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दे सकते हैं. इससे पहले की सरकारों पर अगर आप नजर डालेंगे तो यह मंत्रालय सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नेताओं को मिलता रहा है. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास यह विभाग था. जबकि अखिलेश सरकार में शिवपाल यादव के पास और मायावती सरकार में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास यह मंत्रालय था. इस तरह से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जितिन प्रसाद का योगी सरकार में कितना बड़ा चेहरा हो गया है.
जितिन प्रसाद को लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी
जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी मिलने पर कई नेताओं ने हैरानी भी जताई है लेकिन फैसला आलाकमान का है लिहाजा सबको मंजूर भी है. यूपी चुनाव से कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जितिन प्रसाद को बीजेपी ने पहले एमएलसी बनाया. उसके बाद योगी कैबिनेट में जगह मिली और उन्हें प्राविधिक शिक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जितिन प्रसाद को और मजबूत करते हुए लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी है. आमतौर पर किसी भी सरकार में सबसे महत्वपूर्ण मंत्री को ही यह विभाग की कमान सौंपी जाती है. क्योंकि पीडब्ल्यूडी विभाग भारी-भरकम बजट वाला विभाग होता है. हालांकि जितिन प्रसाद यूपी में मंत्री बनने से पहले केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं. वह यूपीए- 1, 2 में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. उनके अनुभव का अब बीजेपी यूपी में लाभ उठाएगी.
ब्राम्हण चेहरा भी बड़ा फैक्टर
यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद की पहचान ब्राह्मण नेता के तौर पर ही हुई थी उसके बाद उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया और बीजेपी के लिए उन्होंने चुनाव प्रचार भी किया. जितिन प्रसाद के बारे में कहा जाता है कि वह मृदुभाषी हैं और लोगों से सहायता से मिलते जुलते हैं. दूसरा सामाजिक समीकरण में ब्राह्मण चेहरा भी हैं और मुख्यमंत्री से उनके अच्छे संबंध भी हैं. कहा जा रहा है कि सीएम योगी से अच्छे संबंध होना ही जितिन के लिए लाभकारी साबित हुआ और उन्हें इतने बड़े विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि योगी कैबिनेट में इस बार कुल सात ब्राह्मण नेताओं को मंत्री बनाया गया है, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को जहां चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण और मृत्यु शिशु कल्याण की जिम्मेदारी देखेंगे वहीं जितिन प्रसाद लोक निर्माण विभाग की कमान को संभालेंगे.
जितिन प्रसाद को जानिए
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जन्मे जितिन प्रसाद कांग्रेस के बड़े नेता रहे जीतेंद्र प्रसाद के बेटे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल दून में हुई. यहीं पर उनकी मुलाकात केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुई थी. पहले ज्योतिरादित्य , जितिन राहुल गाँधी के बहुत करीबी हुआ करते थे, लेकिन अब इन दोनों नेताओं ने पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी के साथ आ गए हैं. दून से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से वाणिज्य स्नातक किया और फिर दिल्ली के आईएमआई से एमबीए की डिग्री ली.
वर्ष 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस से सियासत एंट्री
जितिन प्रसाद की सियासी पारी वर्ष 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस से शुरू हुई थी. वह युवा आईसीसी के महासचिव रहे. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें शाहजहांपुर से टिकट दिया और वह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. यूपीए-1 सरकार में उन्हें इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया. वर्ष 2008 के परिसीमन में धौराहरा लोक सभा सीट अस्तित्व में आई और 2009 के लोकसभा के चुनाव में जितिन प्रसाद यहां से चुनाव लड़े व चुनाव जीतकर दूसरी बार सांसद बने.
इसके बाद उन्हें फिर से यूपीए के दूसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय के साथ ही सड़क परिवहन विभाग में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया. जितिन प्रसाद राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते थे इसीलिए उन्हें पार्टी महासचिव भी नियुक्त किया गया था.