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Yogi Adityanath Pushkar Dhami: 21 साल पुराना यूपी और उत्तराखंड विवाद सुलझा, सारे लम्बित मामलों पर लगा विराम
Yogi Adityanath Pushkar Dhami: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराचंल के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हुई बैठक में आज 21 साल पुराना यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसम्पितियों का विवाद सुलझ गया है जिसमें कोर्ट में लम्बित मामलों को भी वापस लेने पर आम सहमति बन गयी है।
Yogi Adityanath Pushkar Dhami: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और उत्तराखंड (Uttrakhand) के बीच 21 सालों से परिसम्पतियों को लेकर चला आ रहा पुराना विवाद आज से खत्म हो गया। दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के बीच आज हुई बैठक में आम सहमति से सारे लम्बित मामलों पर विराम लग गया। साथ ही कुछ मामले जो कोर्ट में लम्बित हैं, उन्हे भी वापस लेने पर आम सहमति बन गयी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और उत्तराचंल के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के बीच अधिकारियों के साथ एक घंटे तक चली बैठक के बाद सारे विवादों का हल निकाल लिया गया है। तय हुआ है कि सिंचाई विभाग (Irrigation Department) की जमीन का ज्वाइंट सर्वे होगा इसके बाद इस विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि के विवाद का हल निकाल लिया जाएगा। साथ ही वनबसा बैराज (Vanbasa Barrage) का रास्ता निकाला जाएगा।
किच्छा बैराज (Kichha Barrage) का पुनर्निमाण यूपी ही कराएगा
इसके अलावा परिवहन विभाग (transport Department) को 205 करोड़ रूपए दिए जाएगें। साथ ही आवास विकास परिषद के विवाद को भी हल कर लिया गया है। किच्छा बैराज (Kichha Barrage) का पुनर्निमाण यूपी ही कराएगा। इसके अलावा रोडवेज की जमीन उत्तराखंड को देने के साथ ही हरिद्वार का अलकनंदा होटल भी उसे दिया जाएगा।
दरअसल, यहां यह बताना जरूरी है कि करीब 21 साल पहले अलग हुआ उत्तराखण्ड राज्य अपना हिस्सा मांगता रहा है पर उसे अब तक उसका अधिकार नहीं मिल पाया है। हरिद्वार और उत्तराखण्ड में नहरों को लेकर यह विवाद काफी पुराना है जिसे सिंचाई विभाग अपने पास रखे हुए है । कहा यह भी जा रहा है कि हरिद्वार (Haridwar), ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है। साथ ही हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं। उस पर भी उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दे दी है।
बिजली बिलों के बकाए भुगतानपर भी सहमति बनी
इसके अलावा उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स का भी पुराना विवाद रहा है। साथ ही उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनरासि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड को मिलनी है। इसे भी सुलझा लिया गया है। इसके अलावा यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ के बकाए भुगतानपर भी सहमति बन गयी है।
इसी तरह टेहरी बांध में उत्तराखण्ड के पास अभी पूरा हिस्सा नहीं है। इसके अलावा चार हजार भवनों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा है। उत्तराखण्ड चाह रहा था कि यह हिस्सा उसे मिल जाए। इस पर भी प्रारम्भिक सहमति बन गयी है।
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