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UP Scrap Policy: क्या होती है स्क्रैप पॉलिसी, जिसे योगी कैबिनेट ने दी है आज मंजूरी
UP Scrap Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शुक्रवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कुल 22 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। यूपी सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी 2023-24 को मंजूरी दी है।
UP Scrap Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शुक्रवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कुल 22 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। जिनमें स्क्रैप पॉलिसी भी है। यूपी सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी 2023-24 को मंजूरी दी है। स्क्रैप पॉलिसी पर केंद्र के अलावा विभिन्न राज्य सरकारें भी जोर दे रही हैं। पिछले साल के केंद्रीय बजट में तो इसे लेकर अहम घोषणा भी कई गई थीं, जिसके तहत सड़कों से अनफिट वाहनों को हटाना है।
क्या होती है स्क्रैप पॉलिसी ?
स्क्रैप यानी कबाड़, वो पुरानी या बेकार चीजें होती हैं, जिनका हमारा दैनिक जीवन में कोई इस्तेमाल होता है। इसलिए ये घर के किसी कोने में पड़े होते हैं। जब कभी हमारे – आपके घर के नजदीक से कोई कबाड़ी वाला गुजरता है तो वह हम उसे बेचकर एक तरह से घर का कचरा साफ करते हैं। समय के साथ-साथ गाड़ियां भी कबाड़ बन जाती हैं, लेकिन इसे मोहल्ले में घुमने वाले कबाड़ी वाले नहीं खरीदते।
सरकार ने ऐसी ही गाड़ियों के लिए एक नीति लाई है, जिसके तहत पुरानी और अनफिट गाड़ियों को कबाड़ केंद्र पर दिया जा सकेगा। इसके लिए कबाड़ केंद्र खोले जा रहे हैं। गाड़ियां पुरानी होने पर काफी प्रदूषण फैलाती हैं, इसलिए एक तय समय पर जो कि करीब 15-20 साल है, उसे हटा देना चाहिए।
केंद्र सरकार के स्क्रैप पॉलिसी के अनुसार, 15 से 20 साल पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा और अनफिट होने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर उन्हें कबाड़ केंद्र पर भेज दिया जाएगा। अलग-अलग गाड़ियों के लिए अलग-अलग नियम हैं। कमर्शियल गाड़ियों के लिए यह समयसीमा 15 साल है जबकि निजी गाड़ियों के लिए यह समयसीमा 20 साल है।
गाड़ी स्क्रैप कराने पर मिलेंगी रियायतें ?
पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का स्क्रैप कराने वाले गाड़ी मालिकों को एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। नई गाड़ी खरीदते समय इस सर्टिफिकेट को दिखाने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। रोड टैक्स में तीन साल के लिए 25 प्रतिशक छूट का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन फीस में भी रियायत दी जाएगी।
स्क्रैप पॉलिसी की जरूरत क्यों ?
देश में 50 लाख से अधिक पुरानी गाड़ियां पंजीकृत हैं, जो नई गाड़ियों के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। 15 से 20 साल पुराने वाहनों में सीट बेल्ट और एयरबेग जैसे सेफ्टी फीचर्स भी नहीं होते हैं। जिससे सफर के दौरान सुरक्षा का जोखिम बना रहता है।
नए स्क्रैप पॉलिसी का मकसद प्रदूषण को कम करना, सड़क दुर्घटना रोकना और साथ ही रोजगार के मौके को बढ़ाना। आपको बता दें कि विदेशों में स्क्रैप पॉलिसी काफी पहले से लागू है। अमेरिका और यूरोप में वाहन उद्योग में आई मंदी को दूर करने के लिए इसे लाया गया था।