योगी का मंत्रिमंडल: परफॉर्म करने की चुनौती

raghvendra
Published on: 26 Aug 2019 9:12 AM GMT
योगी का मंत्रिमंडल: परफॉर्म करने की चुनौती
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योगेश मिश्र योगेश मिश्र

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में नॉन परफार्मिंग मंत्रियों की संख्या ज्यादा है। सिर्फ सात मंत्री ऐसे हैं जिनकी ईमानदारी को लेकर जनता के मन में कोई संदेह नहीं है। बाकी मंत्री ईमानदारी के मामले में जनता के पैमाने पर पूरे नंबर पाने में कामयाब नहीं हुए हैं। केवल आठ ही कबीना मंत्री ऐसे हैं जिनके कामकाज को लेकर के जनता में संतोष है। स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में पांच ऐसे मंत्री हैं जिनके बारे में जनता की राय औसत से खराब है। इनमें चार ऐसे मंत्री हैं जिनके कामकाज को लेकर जनता के बीच में संतोषजनक राय है।

राज्य मंत्रियों में तीन को जनता ईमानदारी की कसौटी पर खरा नहीं पाती।

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राज्य मंत्रियों के बारे में जनता ने अपनी राय देने के साथ-साथ इस बात की उन्हें छूट दी है कि उनके पास सीधे तौर पर कोई कामकाज नहीं है। इसलिए उनकी परफार्मेंस को लेकर कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। बावजूद इसके तीन राज्य मंत्रियों को छोड़ कर बाकी सब के सब कामकाज और ईमानदारी की कसौटी पर खरे नहीं हैं। मुख्यमंत्री की ईमानदारी को लेकर जनता की राय बेहद सराहनीय है। ईमानदारी के मामले में मुख्यमंत्री को शतप्रतिशत नंबर हासिल हुए हैं।

तेरह जिलों में हुई रायशुमारी

ये निष्कर्ष पिछले महीने सूबे के 13 जिलों के छह हजार पांच सौ लोगों के बीच कराई गई रायशुमारी के हैं। इनमें इस बात का खासतौर पर ख्याल रखा गया है कि पूर्वांचल, अवध, ब्रज, बुंदेलखंड, रुहेलखंड और पश्चिमी यूपी के एक-एक जिले जरूर आ जाएं। अगड़े, पिछड़े, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलित सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो, इसका ख्याल रखते हुए सैंपल सर्वे लिए गए हैं। जिन लोगों ने इस रायशुमारी में शिरकत की, उनमें से अधिकांश ने अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड भी शेयर किए हैं।

ये राज्यमंत्री रहे अव्वल

राज्य मंत्रियों में सात से अधिक नंबर पाने वालों में कोई मंत्री शुमार नहीं है। सात नंबर पाने वालों डॉ. नीलकंठ तिवारी, अतुल गर्ग और मोहसिन रजा का नाम शामिल है। पांच से छह नंबरों के बीच पाने वालों में मंत्री धुन्नी सिंह, गुलाबो देवी, बलदेव ओलख, जय प्रकाश निषाद का नाम है। गिरीश चंद्र यादव, मनोहर लाल मन्नू, संदीप सिंह, सुरेश पासी, जयकुमार जैकी का नाम छह से कम नंबर पाने वाले मंत्रियों में शुमार है।

इस आधार पर की गई रायशुमारी

इस रायशुमारी में हमने मंत्रियों के ईमानदारी और उनके विभाग के संचालन को आधार बनाया है। यह भी जांचा गया है कि किसी मंत्री के आदेश कितने दिनों में क्रियान्वित होते हैं। तबादलों को लेकर किस मंत्री के बारे में जनता की क्या राय है? चार खंड की इस रायशुमारी में जनता से हर खंड में अपने मंत्री को दस में से कितने नंबर देने हैं यह भी पूछा गया था। हमारे निष्कर्ष का आधार चारों खंडों के नंबरों का औसत है। कुछ कबीना मंत्रियों को जनता ने इमानदारी में तो ज्यादा नंबर दिए हैं। लेकिन कामकाज में उनके नंबरों में कमी आई है।

राजभर को छोड़ सात नंबर पाने वालों को प्रोन्नति

हालांकि योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार बीते बुधवार को हो गया। दिलचस्प तथ्य यह है कि जिन स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्रियों को जनता ने सात से अधिक नंबर दिए थे, उन सबको प्रोन्नति मिल गई है। सिर्फ होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें जनता ने महज पांच नंबर दिए थे। फिर भी उन्हें कैबिनेट का दर्जा हासिल हुआ है। जब यह रायशुमारी कराई गई थी उस समय प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह स्वतंत्र प्रभार के परिवहन राज्य मंत्री थे। परिवहन मंत्री रहे स्वतंत्र देव सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह को जनता की ओर से आठ नंबर मिले हैं। जबकि गन्ना मंत्री सुरेश राणा और पंचायती राज्य मंत्री भूपेंद्र चौधरी को सात नंबर मिले हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री उपेंद्र तिवारी को छह। होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर, महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री स्वाती सिंह को पांच और बेसिक शिक्षा मंत्री रहीं अनुपमा जायसवाल को तीन नंबर मिले हैं।

इन मंत्रियों को मिले सबसे अधिक नंबर

यह दिलचस्प है कि रायशुमारी में स्टांप और पंजीयन मंत्री नंद गोपाल नंदी, बेसिक शिक्षा मंत्री रहीं अनुपमा जायसवाल, सिंचाई मंत्री रहे धर्मपाल सिंह, स्वास्थ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, खनन की राज्य मंत्री रहीं अर्चना पांडेय को चार नंबर मिले। इनमें से नंदी और सिद्धार्थनाथ सिंह को छोडक़र बाकी के मंत्रियों का मुख्यमंत्री ने इस्तीफा ले लिया है।

प्रथम श्रेणी के मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, औद्योगिक विकास सतीश महाना, विधायी एवं न्याय ब्रजेश पाठक और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा हैं। जनता इन्हें आठ से अधिक और नौ नंबरों के बीच का मानती है। आठ नंबर पाने वाले मंत्रियों में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, ग्रामीण अभियंत्रण मोती सिंह और प्राविधिक शिक्षा आशुतोष टंडन है।

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सात और उससे कम नंबर पाने वाले मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, वित मंत्री राजेश अग्रवाल, खेल और युवा मंत्री चेतन चौहान का नाम शामिल है। वन मंत्री दारा सिंह चौहान, आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, खेल और युवा मंत्री चेतन चौहान, दुग्ध विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और सहकारिता मंत्री मुकुट विहारी वर्मा को पांच और सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह को चार नंबर मिले हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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