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Yogi 2.0 Cabinet: सहयोगी दलों को लगा झटका,संजय निषाद और आशीष पटेल को नहीं मिले बड़े विभाग
Yogi 2.0 Cabinet: प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के तीन दिनों बाद विभागों का बंटवारा कर दिया गया है।
Yogi 2.0 Cabinet: प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के तीन दिनों बाद विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। विभाग बंटवारे में कई बड़े चेहरे महत्वपूर्ण विभाग पाने में कामयाब रहे हैं जबकि कुछ बड़े चेहरों को मिले कम महत्व वाले विभागों पर हैरानी भी जताई जा रही है। विभाग बंटवारे में सबकी निगाहें भाजपा के बड़े चेहरों के साथ सहयोगी दलों के हिस्से में आने वाले विभागों पर भी लगी हुई थीं। भाजपा ने इस बार निषाद पार्टी और अपना दल एस के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ा था।
चुनाव में भारी जीत हासिल करने के बाद माना जा रहा था कि सहयोगी दलों के नेता भी महत्वपूर्ण विभाग पाने में कामयाब होंगे मगर योगी मंत्रिमंडल में हुए विभाग बंटवारे में यह बात सच साबित नहीं हुई। निषाद पार्टी के डॉ.संजय निषाद और अपना दल के आशीष पटेल दोनों नेता महत्वपूर्ण महकमा पाने में कामयाब नहीं हो सके। सियासी हलकों में इस बात की खूब चर्चाएं हो रही हैं।
अपना दिल प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी
प्रदेश के कुर्मी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने 2014 से ही अपना दल एस के साथ गठबंधन कर रखा है। प्रदेश में कुर्मी मतदाताओं की संख्या करीब 6 फीसदी है और अपना दल के साथ गठबंधन के बाद भाजपा को ओबीसी मतदाताओं का अच्छा समर्थन भी हासिल हुआ है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों और 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और अपना दल एस के गठबंधन का खासा असर दिखा है।
इन चुनावों में अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल बड़ी क्षत्रप बनकर उभरी हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अपना दल एस राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और उसने बसपा और कांग्रेस को भी पछाड़ दिया है।
ताकत तो बढ़ी मगर आशीष को प्राविधिक शिक्षा
2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल को भाजपा के साथ गठबंधन में 11 सीटें मिली थीं और इनमें से 9 सीटों पर अपना दल के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपना दल को 17 सीटें दी थीं और इनमें से 12 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है।
ऐसे में माना जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को योगी मंत्रिमंडल में कोई महत्वपूर्ण महकमा मिलेगा मगर ऐसा नहीं हुआ। आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा व उपभोक्ता संरक्षण के साथ बांट माप विभाग आवंटित किया गया है। भाजपा नेतृत्व एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले पर हैरानी भी जताई जा रही है।
निषाद पार्टी का सियासी सफर
भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन करने के बाद निषाद पार्टी की सियासी ताकत में भी काफी इजाफा हुआ है। 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन करके 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से सिर्फ ज्ञानपुर सीट पर निषाद पार्टी के विजय मिश्रा को जीत हासिल हुई थी।
विजय मिश्रा की जीत में भी उनकी व्यक्तिगत ताकत को बड़ा कारण माना गया था। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देने पर निषाद पार्टी के नेता डॉक्टर संजय निषाद ने सपा के साथ गठबंधन करके अपने बेटे प्रवीण निषाद को चुनाव लड़ाया था और भाजपा को उपचुनाव में हराने में कामयाबी हासिल की थी।
इस बार निषाद पार्टी की ताकत बढ़ी
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन करके प्रवीण निषाद को संत कबीर नगर सीट से संसद भेजा था। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया था और उसे 15 सीटें दी थीं। इनमें से 11 सीटों पर निषाद पार्टी को जीत हासिल हुई है।
हालांकि यह भी सच्चाई है कि इनमें से पांच सीटों पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी भाजपा के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरे थे। जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों में डॉक्टर संजय निषाद के छोटे बेटे सरवन निषाद भी शामिल हैं जिन्हें चौरीचौरा सीट से जीत हासिल हुई है।
उम्मीद के मुताबिक बड़ा विभाग नहीं
भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद निषाद पार्टी अपने 8 साल के सियासी सफर में ही प्रदेश में चौथे नंबर की पार्टी बन गई है। ऐसे में इस बार निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद को योगी मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर उन्हें मत्स्य विभाग आवंटित किया गया है।
वैसे यह भी कहा जा रहा है कि आवंटन काफी सोच-समझकर किया गया है क्योंकि इस विभाग से निषादों का बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है। वैसे इतना तो सच है कि आशीष पटेल और संजय निषाद के विभागों को लेकर सियासी हलकों में खूब चर्चाएं हो रही हैं और कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को उम्मीद के मुताबिक विभाग नहीं मिल सके हैं।