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UP Cabinet: 24 घंटे के अंदर होगा मंत्रिमंडल में फेरबदल, किसी बड़े मंत्री पर गिरेगी गाज
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजभवन में हलचल तेज हो गयी है। राज्यपाल आनंदीबेन मध्यप्रदेश के दौरे को अधूरा छोडकर UP आ गयी हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही सारी अटकलों को अब विराम लग सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजभवन में हलचल तेज हो गयी है। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल अपने मध्यप्रदेश के दौरे को अधूरा छोडकर यूपी आ गयी हैं। उनके पास मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की भी जिम्मेदारी है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आज शाम को बस्ती सिद्धार्थनगर दौरे से लौट आएंगे।
राजभवन सूत्रों के अनुसार आज से कल तक राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल मंत्रियों को शपथ दिलवाने का काम करने जा रही हैं। यदि मंत्रिमंडल का फेरबदल होता है तो यह योगी मंत्रिमंडल का यह दूसरा और अंतिम विस्तार होगा क्यों कि अब विधानसभा चुनाव के केवल नौ महीने ही बचे हैं। इसलिए इसे अंतिम विस्तार कहा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस बात की चर्चा जोरों पर है कि योगी मंत्रिमंडल के विधानसभा चुनाव के पहले का यह अंतिम फेरबदल होगा, जिसमें कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन के कार्यो में लगाया जा सकता है। जबकि संगठन में काफी समय से काम कर रहे कुछ को योगी सरकार में मौका दिया जा सकता है।
छह से सात नए चेहरों को मिल सकता है मौका
चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। आरोपों में घिरने वाले और खराब कामकाज वालों को बाहर किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को महत्व दिए जाने की चर्चा भी है।
इस समय मंत्रिमंडल में 54 सदस्य हैं, जिनमें 23 कैबिनेट 9 स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्य मंत्री हैं। 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। इस कार्यक्रम में शपथ लेने वाले कुल 23 लोगों में 18 नए चेहरे शामिल किए गए थे।
परन्तु पिछले साल योगी कैबिनेट के दो मंत्रियों चेतन चौहान और कमल रानी वरुण के अलावा इस साल एक और राज्यमंत्री विजय कश्यप का हाल ही में कोरोना की वजह से निधन हो गया था। जिसके बाद से यह तीनोंं मंत्रिपद खाली चल रहे हैं। साथ ही कुछ मंत्रियों को उनके कमजोर कार्यशैली को देखते हुए उन्हे हटाकर संगठन की जिम्मदारी दी जा सकती है। चर्चा यह भी है कि नए मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिल सकता है। गुजरात कैडर के आईएएस रहे अरविंद शर्मा को एमएलसी चुनाव के बाद यूपी सरकार में अहम जिम्मेदारी देना तय माना जा रहा है।