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Love Jihad News: अब लव जिहाद में होगा ताउम्र जेल, योगी सरकार ने पेश किया नया विधेयक

UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 'लव जिहाद' जैसे अपराधों पर कड़ी सजा देने का निर्णय लिया है। सरकार ने पहली बार इन मामलों में आजीवन कारावास की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 29 July 2024 9:21 PM IST (Updated on: 29 July 2024 10:12 PM IST)
Love Jihad
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Pic:Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 'लव जिहाद' (Love Jihad) जैसे अपराधों पर कड़ी सजा देने का निर्णय लिया है। सरकार ने पहली बार इन मामलों में आजीवन कारावास की सजा दिए जाने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया है। मालूम हो कि योगी सरकार ने आज यानी सोमवार को विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस कानून में पहले से निर्धारित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा दी गई है, वहीं नए विधेयक में ताउम्र जेल का प्रावधान है।

वर्ष 2021 में भी पेश हुआ था लव जिहाद पर कानून

आपको बता दें, कि वर्ष 2021 में इसे विधानमंडल से पास कराकर विधिवत कानून बनाया गया था। तब इस कानून में आरोपी को अधिकतम 10 वर्ष की सजा और 50 हजार तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था। वहीं सोमवार को पेश किए गए प्रस्तावित विधेयक में अपराध का दायरा और सजा दोनों ही बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

वर्ष 2021 से इतना अलग है नया कानून

वर्ष 2021 में पेश हुए कानून में धोखे, कपट, बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने, शादी करने पर आरोपी पर 1 से 5 साल तक जेल, 15 हजार का जुर्माना निर्धारित था। लेकिन नए कानून में 3-10 साल की सजा और 25 हजार जुर्माना देने का प्रावधान है। इसी तरह पुराने कानून में नाबालिग, महिला SC/ST संग अपराध पर आरोपी से 2 से 10 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना जबकि नए कानून में 5 से 14 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना तय किया गया है। वैसे ही पुराने कानून में अवैध ढंग से सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 साल तक की सजा और 50 हजार जुर्माना लगाने का प्रावधान था, जबिक नए कानून में 7 से 14 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

अब कोई भी दे सकेगा अवैध धर्मपरिवर्तन की जानकारी

कानून में एक नया परिवर्तन करते हुए मामले की जानकारी देने वालों का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। पहले के कानून में पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या अन्य रक्त संबंधी, जिससे विवाह या दत्तक संबंध हो वह घटना की जानकारी देता था। अब कोई भी शख्स लिखित तौर पर इसकी जानकारी पुलिस को दे सकेगा और उस पर जांच की जा सकेगी। नए कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय बनाया गया हैं। इनकी सुनवाई सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगा। बिना लोक अभियोजक को अवसर दिए जमानत के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।



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