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बस्ती में योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'मिशन गौशाला' फेल
योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट अस्थाई गौशाला की योजना बस्ती जिले में फ्लॉप हुआ।
बस्ती : योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट अस्थाई गौशाला छुट्टा पशुओं रखने की योजना बस्ती जिले में हुआ फ्लॉप , करोड़ों रुपए खर्च कर शासन के निर्देश पर बनवाए गए थे । जिले में 114 अस्थाई गौशाला जिसमें से 58 गौशाला जिले में हुए बंद । अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से करोड़ों रुपए लागत की यह 5 8 अस्थाई गौशाला पूरी तरह बंद हो चुका है। कहीं ना कहीं जनता का पैसा सरकार के अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया गया। अगर सरकार इसकी जांच कराएं तो जिले के कई उच्च अधिकारी पर कार्रवाई भी हो सकती है ।
अस्थाई गौशाला बनवाने में सरकार ने खर्च किया इतने रुपये
एक अस्थाई गौशाला बनवाने में सरकार लगभग 5,00,000 बनवाने के नाम पर खर्च किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी बस्ती ने कहां की 58 गौशाला में क्यों बंद कर दिए गए इसकी जांच कराई जाएगी धन का दुरुपयोग किया गया है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जहां योगी सरकार सत्ता में आने के तुरंत बाद अधिकारियों के सख्त निर्देश दिए थे कि छुट्टा पशुओं को पकड़ कर अस्थाई गौशाला और स्थाई गौशाला में रखा जाएगा। लेकिन योगी सरकार का फरमान सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया।
छुट्टा पशुओं के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है
जहां योगी सरकार बार-बार दावा करते है की यूपी सरकार किसानों की हितैषी है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं छुट्टा पशुओं के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। यहां तक किसानों की पूजी तक नहीं निकलती है। वही योगी सरकार किसानों के मुद्दों पर किसानों द्वारा सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है ।
पशुओं के चारा खाने में खर्च कर चुकी 2 करोड़ रुपये
बस्ती जनपद में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए 28529 आवारा छुट्टा पशुओं है लेकिन अभी तक अधिकारियों की लापरवाही के कारण सिर्फ कागजों में 3668 छुट्टा पशु गौशाला में है प्रतिदिन सरकार एक एक छुट्टा पशुओं के चारा खाने के लिए 30 का भुगतान करती है। इस वर्ष अभी तक लगभग 2 करोड रुपए जिला प्रशासन बस्ती द्वारा पशुओं के चारा खाने में खर्च कर चुकी है।
जनता योगी सरकार पर सवाल उठा रही
सबसे बड़ा या सवाल खड़ा हो रहा है कि जिले में 24861 छुट्टा पशु घूम रहे हैं इनको क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है। आए दिन छुट्टा पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो रहे हैं जिससे किसान तो परेशान ही है लेकिन सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कईयों की जान भी चली गई है। इसका कौन जिम्मेदार है इस मुद्दे पर कहीं न कहीं जनता योगी सरकार पर सवाल उठा रही है।
58 अस्थाई गौशाला बनाकर बंद कर दिया गया
वहीं जिला प्रशासन बस्ती पर यह सवाल उठ रहा है की अगर 24861 पशुओं को पकड़ना नहीं था तब क्यों 58 अस्थाई गौशाला बनाकर बंद कर दिया गया कहीं ना कहीं करोड़ों रुपए जनता का बर्बाद कर दिया गया। इसका जवाब जिले के किसी अधिकारी के पास नहीं है। क्यों जिला प्रशासन 24861 पशुओं को पकड़ नहीं रही है क्या कारण है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यही कहा जाता है जिला स्तर अधिकारियों द्वारा कि पकड़ा जाएगा लेकिन कब से यह कोई नहीं बता पा रहा।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताई यह बात
राजेश कुमार प्रजापति मुख्य विकास अधिकारी बस्ती ने बताया कि आप लोगों के द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। इसकी फाइल तलब कर पूरी तरह जांच कराई जाएगी क्यों पशुओं को पकड़ा नहीं जा रहा है और क्या कारण था कि 58 अस्थाई गौशाला बंद कर दिया गया।
रिपोर्ट : अमृत लाल
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