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चित्रकूट जेल कांड में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, जेलर और जेल अधीक्षक सस्पेंड

सरकार ने प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को निलंबित कर दिया है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 14 May 2021 6:17 PM GMT
Chitrakoot District Jail
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जिला कारागार चित्रकूट (फाइल फोटो: सोशल

चित्रकूट: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चित्रकूट जेल कांड मामले में बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश की सरकार ने प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को निलंबित कर दिया है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की छह घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। इस घटना की जांच चित्रकूट के कमिश्नर डीके सिंह, आईजी के सत्यनारायण और डीआईजी कारागार मुख्यालय संजीव त्रिपाठी की ज्वाइंट टीम को दी गई थी।
इसके अलावा योगी सरकार ने अशोक कुमार सागर को जेल अधीक्षक चित्रकूट बनाया है जबकि सीपी त्रिपाठी कारापाल चित्रकूट जिला जेल बनाया है। संजीव त्रिपाठी को डीआईजी कारागार प्रयागराज के साथ ही अयोध्या परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को डीआईजी कारागार मुख्यालय बनाया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में कैदियों के बीच शुक्रवार को भिड़त हो गई थी। इस दौरान जबरदस्त गोलाबारी हुई है। जिसमें दर्जनों राउंड गोलियां चली है। चित्रकूट जेल गोलीकांड में अंशु दीक्षित ने फायरिंग कर मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को मार डाला। मुकीम काला पश्चिम यूपी का बड़ा अपराधी था, तो वहीं अंशुल दीक्षित भी पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई में मारा गया।




सबसे खतरनाक अपराधी था अंशु दीक्षित

चित्रकूट जेल में आज बंदियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीनों बदमाश हिस्ट्रीशीटर अपराधी थें। पर इनमें से सबसे बड़ा खतरनाक अपराधी अंशु दीक्षित (Anshu Dixit) था जिससे पुलिस भी कांपती थी और वह जिस जेल में भी रहता था, वहां वह बेहद ऐशो आराम से रहा करता था। अंशु दीक्षित का का पूर्वांचल क्षेत्र में बेहद जलजला रहा करता था। सीतापुर का रहने वाला अंशु दीक्षित पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का वह दाहिना हाथ था।

सीएमओ हत्याकांड का आरोपी था अंशु

अंशु दीक्षित लखनऊ के सीएमओ हत्याकांड में भी आरोपी रह चुका है। वह जीआरपी की कस्टडी से वर्ष 2013 में उस समय भाग गया था। जब उसे पेशी पर ले जाया जा रहा था। अंशु दीक्षित को आठ दिसम्बर 2019 को सुल्तानपुर से चित्रकूट जेल लाया गया था।










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