×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

योगी सरकार ने सरकारी वकीलों की सूची जारी: संघ-बीजेपी आ सकती है आमने-सामने 

Gagan D Mishra
Published on: 24 Oct 2017 7:18 PM IST
योगी सरकार ने सरकारी वकीलों की सूची जारी: संघ-बीजेपी आ सकती है आमने-सामने 
X
1984 anti-Sikh riots : जिन्हें पूरा मुआवजा नहीं मिला वो कोर्ट में अर्जी दें

लखनऊ: योगी सरकार ने मंगलवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सरकार के मुकदमों की पैरवी के लिए 234 राज्य विधि अधिकारियों की पुनरीक्षित सूची अन्य नामों केा जोड़कर जारी कर दी। हालांकि बड़े और महत्वपूर्ण पदों पर सपा-बसपा शासन काल के दौरान कार्यरत रहे तमाम सरकारी वकीलों को बहाल रखा गया है। यहां तक कि कई ऐसे नाम को फिर से सूची में स्थान दे दिया गया जिन्हें गत 7 जुलाई केा हटा दिया गया था।

दूसरी ओर भाजपा और संघ की विचारधारा से संबध रखने वाले दर्जनों सरकारी वकीलों को पुनरीक्षण के नाम पर हटा देने या उन्हें निचले पदेां पर खिसका देने पर ऐसे वकीलों में काफी रोष है। नयी सूची में 32 मुख्य स्थायी अधिवक्ता , 59 स्टैंडिग कौसिल , 99 वाद धारक सिविल मामलेां व 42 वाद धारक क्रिमिनल मामलों के लिए नियुक्त किये गये हैं।

मुख्य स्थायी अधिवक्ता के 32 पदेां पर पचास प्रतिशत सपा या बसपा शासन काल में रहे वकीलों को जगह दी गयी है । जिनमें अभिनव एन त्रिपाठी, रणविजय सिंह, पंकज नाथ, देवेश चंद्र पाठक, विवेक शुक्ला, दीपशिखा, अजय अग्रवाल,अमिताभ कुमार राय, आलेाक शर्मा ,मंजीव शुक्ला,एच पी श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद मौर्या, हेमेंद्र कुमार भट्ट, शत्रुघन चैधरी , पंकज खरे व राहुल शुक्ला शामिल हैं।

सूत्रेां के अनुसार इन नामों पर भापजा व संघ में घोर विरेाध था लेकिन महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की अध्यक्षता मे गठित चार सदस्यीय कमेटी ने इन नाम को हरी झंडी दिखा दी। वहीं स्टैंडिगं काउंसिल के पदों पर पहले की सरकारों में तैनात रहे अनिल कुमार चौबे, प्रत्युश त्रिपाठी, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, आनंद कुमार सिंह, पारूल बाजपेयी, शोभित मोहन शुक्ला, मनु दीक्षित ,मनीष मिश्रा, अनुपमा सिंह, आशुतोष सिंह, कमर हसन रिजवी, संजय सरीन , विनायक सक्सेना, विनय कुमार सिंह, प्रभुल्ल कुमार यादव, शरद द्विवेदी , पुष्कर बघेल, ज्ञानेंद्र कुमार श्रीवास्तव व अनिल कुमार सिंह विसेन को फिर स्थान दे दिया गया है।

वाद धारकों के पदों पर भी बड़ी संख्या में पिछली सरकार के ही सरकारी वकीलों को योगी सरकार ने जगह दे दी है। वहीं मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम के पद पर पिछली 7 जुलाई को नियुक्त श्रीप्रकाश सिंह को संघ के घोर विरोध के बावजूद हटा दिया गया है। श्रीप्रकाश संघ के अनुशांगिक इकाई अधिवक्ता परिषद के लखनऊ इकाई के अध्यक्ष रहे है।

इसके अलावा संघ समर्थित अनेक सरकारी वकीलों को निचले पदों पर खिसका कर सपा व बसपा काल के वकीलों को वहां बिठा दिया गया है।

दरअसल सरकार ने गत 7 जुलाई को साढ़े तीन सौ सरकारी वकीलों को हटा दिया था। ये सपा शासन के दौरान तैनात किये गये थे। उसी दिन 201 सरकारी वकीलों की नयी सूची जारी कर दी थी। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से नयी सूची में दर्जों पुराने सरकारी वकीलों को वापस ले लिया गया था। इसके काफी विरोध के बाद सरकार ने सूची के रिव्यू का निर्णय लिया था। जिसके बावत एक पीआईएल में भी हाईकोर्ट ने 21 जुलाई केा आदेश दे दिया था।

तीन महीने बाद आयी पुर्नरीक्षित सूची में बड़े पैमाने पर पुराने वकीलों को ही स्थान दे दिया गया है।



\
Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story