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‘हमारा समाज सड़कों पर...’, योगी सरकार के सहयोगी संजय निषाद ने भी उठाया OBC आरक्षण मुद्दा, बढ़ेंगी BJP की मुश्किलें?
OBC Reservation Update: यूपी में योगी सरकार के सहयोग दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं केबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी ओबीसी आरक्षण के तहत नियुक्तियों का मुद्दा उठाया है।
OBC Reservation Update: एनडीए के सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की मुखिया एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा ओबीसी आरक्षण मुद्दा को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र के बाद प्रदेश में सियासी पारा को बढ़ा दिया है। अपना दल (एस) के बाद यूपी में भाजपा के अन्य सहयोगी दल भी ओबीसी आरक्षण की सुर छेड़ दी है। अगर इस मुद्दे पर भाजपा ने कोई जल्द एक्शन नहीं लिया और अपने सहयोगी दलों को नहीं समझाया तो यूपी में योगी सरकार के लिए असहज की स्थिति पैदा हो सकती है और भाजपा को इस खामियाजा यूपी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। यूपी में समाजवादी पार्टी सहित अन्य विरोधी दल भी इस मुद्दे को तुल दे सकते हैं।
आरक्षण मुद्दा से भाजपा को हुआ बड़ा नुकसान
इससे पहले इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में हुई चुनावी रैलियों में खूब आरक्षण खत्म करने और संविधान खतरे का मुद्दा उठाया था, जिससे भाजपा सूबे में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। 2014 और 2019 के मुकाबले 2024 में पार्टी का खराब प्रदर्शन देखन को मिला। यूपी की 80 सीटों में से 33 सीटों से संतोष करना पड़ा, जबकि सपा-कांग्रेस इंडिया गठबंधन बैनर तले इस बार पिछले दो लोकसभा के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया। सपा को 37 सीटें तो कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी।
आरक्षण की वजह से कई पार्टियां खत्म
यूपी में योगी सरकार के सहयोग दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं केबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी ओबीसी आरक्षण के तहत नियुक्तियों का मुद्दा उठाया है। इस मुद्दे के साथ उन्होंने ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर भी निशाना साधा है। यूपी के मंत्री संजय निषाद ने कहा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी आरक्षण के कारण ही खत्म हुईं हैं। आरक्षण से जुड़ी विसंगति को दूर करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए और इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए।
आरक्षण में विसंगाति को दूर करना चाहिए
संजय निषाद ने आगे कहा कि आरक्षण संविधान का दिया हुआ हक है। आरक्षण में विसंगति को दूर करना चाहिए। मेरा मानना है कि कुछ कमियां हैं तो दूर हो जाएं। कई मुद्दे चर्चा से हल हो जाते हैं। सरकार में रहते हैं तो कई बार मुद्दों का चर्चा से समाधान हो जाता है। इस पर चर्चा होनी चाहिए कैसे ये सब हो रहा है। निषादों के आरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आररक्षण एक सेंसिटिव मुद्दा है। जिस भी पार्टी ने इसको ठीक से नहीं संभाला है, उसका बड़ा नुकसान हुआ है।
निषाद बोले, हमारा समाज सड़कों पर
निषादों को आरक्षण मिलने वाले मुद्दे पर कैनिबेट मंत्री ने कहा कि आज हमारा समाज सड़कों पर टहल रहा है। निषादों को पहले ओबीसी में डाला गया। फिर निकाल दिया गया। अब हम कहां हैं? इस विषय पर कई पत्राचार हुए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यह समाज उदासीन हो गया। 2019 और 2022 में निषाद जाति उत्साहित थी। हमे आरक्षण नहीं मिल रहा है। ऐसें में जब यह छोटा काम नहीं हो रहा है तो इस जाति के लिए बड़ा काम क्या होगा?