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यूपी में जमीन-जायदाद की धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी अब, योगी सरकार ने निकाला हल
जमीन-जायदाद को लेकर होने वाली धोखाधडी को रोकने का उपाय योगी सरकार ने निकाल लिया है। अब जमीन के खरीदारों के लिए जमीन से जुडे हर गाटे की अपनी यूनिक आईडी होगी।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। यूपी में आए दिन जमीन-जायदाद को लेकर होने वाली धोखाधडी को रोकने का उपाय योगी सरकार ने निकाल लिया है। अब जमीन के खरीदारों के लिए जमीन से जुडे हर गाटे की अपनी यूनिक आईडी होगी। जल्द ही राज्य सरकार इसका यूनिक आईडी जारी करेगी।
जमीन-जायदाद की धोखाधड़ी रोकने की तैयारी
दरअसल, सरकार की मंशा है कि यूनिक कोड के जरिए विवादित भूखंडों के फर्जी बैनामे पर रोक लगाने की है। योजना के तहत ज्यादातर जिलों में इस पर काम भी शुरू हो गया है। राजस्व गांवों में अवस्थित भूखंड़ों के लिए यूनीक कोड निर्धारण और वादग्रस्त भूखंड़ों का राजस्व न्यायालय कंप्यूटकरीकरण प्रबंध प्रणाली में अंकन करने का काम किया जा रहा है। इस योजना में जमीन के पुराने मालिक के साथ ही नए मालिक का भी नाम दर्ज होगा।
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खरीदारों के लिए जमीन से जुडे हर गाटे की अपनी यूनिक आईडी
इसके जरिए राजस्व विभाग कृषि, आवासीय और व्यवसायिक भूमि को चिन्हित कर यूनीक नंबर से कोई भी व्यक्ति अब घर बैठे एक क्लिक से जमीन का पूरा ब्योरा जान सकेगा। यूनीक कोड के जरिये विवादित भूखंडों के फर्जी बेनामों पर रोक लगाई जा सकेगी। प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया जा रहा है। इससे कोई भी व्यक्ति अब घर बैठे एक क्लिक में जमीन का पूरा ब्योरा जान सकेगा।
ऐसे होंगे ये 16 अंकों के यूनीक कोड
जमीनों के गाटे का यह यूनीक कोड सोलह अंकों का होगा। पहले एक से लेकर छह अंक गांव की जनगणना के आधार पर होगा। जमीन के गाटों का यह यूनिक कोड 16 अंकों का होगा। शुरुआत के 6 अंक गांव की जनगणना के आधार पर होंगे। सात से 10 तक भूखंड की गाटा संख्या और 11 से 14 अंक जमीन के विभाजन का नंबर होगा।
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विवादित भूखंड़ों के फर्जी बैनामों पर रोक लगाने में मदद
15 से 16 नंबर भूमि की श्रेणी होगी। यूनीक आइडी कोड की मदद से विवादित भूखंड़ों के फर्जी बैनामों पर रोक लगाई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया जा रहा है।
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