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योगी सरकार का बड़ा ऐलान, हर जिले में खुलेंगे बच्चों के लिए दो-दो पीडियाट्रिक अस्पताल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि द्वितीय चरण में प्रत्येक जनपद के दो-दो सीएचसी में पीकू स्थापित किये जाएं।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 16 May 2021 12:02 AM IST
Yogi Adityanath
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एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सभी जिला चिकित्सालयों तथा मेडिकल काॅलेजों में पहले चरण में पीडियाट्रिक्स आईसीयू (पीकू) की स्थापना की जायेगी। गोरखपुर तथा बस्ती मंडल में इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिए स्थापित पीकू की तर्ज पर अन्य जिलों में भी व्यवस्था की जायेगी। पीकू अस्पतालों की स्थापना के साथ ही, इनमें पीडियाट्रिशियन, टेक्निशियनों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कराया जाएगा। इस दौरान पीकू की स्थापना एवं मैनपावर के प्रशिक्षण का कार्य साथ-साथ चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि द्वितीय चरण में प्रत्येक जनपद के दो-दो सीएचसी में पीकू स्थापित किये जाएं। इन पीकू के संचालन के लिए अलग से पीडियाट्रिशियन, टेक्निशियन एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता होनी चाहिए। इन पीकू के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की डेडिकेटेड व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों के महिला चिकित्सालयों का महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिए ही उपयोग किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से मुक्त हो जाने के बाद भी कई मरीजों को उपचार प्रदान करने की आवश्यकता बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे रोगियों के उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की जाए। इन अस्पतालों में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के समुचित प्रबन्ध हों। साथ ही, मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए।
सीएम योगी ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लैक फंगस के सम्बन्ध में लाइन ऑफ ट्रीटमेण्ट तय करने तथ एडवाइजरी जारी किये जानकारी प्राप्त कर ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जनपदों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध वेंटिलेटर्स को कार्यशील स्थिति में रखा जाए। इस सम्बन्ध में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए सभी जनपदों में एनेस्थेटिक्स एवं टेक्नीशियन्स की उपलब्धता रहे। सीएसआर के माध्यम से योगदान के इच्छुक सभी संस्थानों का सहयोग लिया जाए। दवा की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों, निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि लेने वाले निजी अस्पतालों और निजी एम्बुलेंस संचालकों के विरुद्ध स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा गृह विभाग द्वारा मिलकर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय तथा मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा इस कार्यवाही की माॅनिटरिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग एवं मेडिकल किट वितरण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, आरआरटी द्वारा लक्षणयुक्त व संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों का एण्टीजन टेस्ट कर उपचार के लिए होम आइसोलेशन क्वारंटीन सेण्टर एवं अस्पताल भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक सप्ताह में प्रभावी प्रयास करके निगरानी समितियों की प्रत्येक गांव तक पहुंच सुनिश्चित करायी जाए। इसके लिए निगरानी समितियों और आरआरटी के कार्यों की प्रगति की समीक्षा न्याय पंचायत स्तर पर की जाए।




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