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बेलगाम अफसरः मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक में ही नहीं पहुंचे

योगी सरकार में सरकारी अधिकारी किस कदर स्वच्छंद व बेलगाम हो गए हैं , इसका नजारा आज मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी की विकास कार्यों के साथ ही मनरेगा व जिले में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा बैठक में दिखाई दिया।

Roshni Khan
Published on: 15 Jun 2020 1:29 PM GMT
बेलगाम अफसरः मंडलायुक्त की समीक्षा बैठक में ही नहीं पहुंचे
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बलिया: योगी सरकार में सरकारी अधिकारी किस कदर स्वच्छंद व बेलगाम हो गए हैं , इसका नजारा आज मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी की विकास कार्यों के साथ ही मनरेगा व जिले में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा बैठक में दिखाई दिया। बैठक में जल निगम व लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता पहुंचे ही नहीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को कितना तबज्जो देते हैं, यह स्थिति भी स्पष्ट हो गया।

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ये मामले रहते हैं सुर्खियों

घोटालों को लेकर कुख्यात बलिया जिले में जल निगम व लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा सुर्खियों में रहा करती है । इन विभागों के अधिकारियों की कार्यपद्धति को लेकर हमेशा सवालिया निशान लगा करते हैं । वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए योगी सरकार से लेकर प्रशासन पूरी तन्मयता से जुटा हुआ है, वहीं जल निगम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के लिए मंडल की सर्वोच्च अधिकारी का समीक्षा बैठक भी कोई मायने नहीं रख रहा । मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों के साथ मनरेगा व जिले में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।

इस बैठक के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों को समय से प्रतिभाग करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था , लेकिन निर्देश के बावजूद बैठक में जल निगम व लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता नही पहुंचे । मंडलायुक्त श्री मती त्रिपाठी ने इनकी अनुपस्थिति को गम्भीरता से लेते हुए इनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया। उन्होंने समीक्षा बैठक में विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग एवं रोजगार सृजन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सिंचाई विभाग द्वारा मनरेगा में कन्वर्जेशन का प्रस्ताव नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अधिशासी अभियंता से इस बाबत लिखित में जबाब तलब किया।

समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्री हरि प्रताप शाही ने कोविड-19 से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि जनपद में 64 कोरोना मरीज पॉजिटिव मिले, जिनमें 54 स्वस्थ होकर घर चले गए हैं। इलाज के लिए पहले से ही ट्रेंड मेडिकल टीम तैयार है। बताया कि अब तक 80 हजार प्रवासियों का डाटा फीड किया जाना है, जिसमें 41 हजार फीड हो चुके हैं। प्रवासियों के खाते में एक हजार रुपये भेजे जाने के साथ राहत सामग्री व जून-जुलाई में निःशुल्क राशन दिया जा रहा है। यह भी बताया कि एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग के नेतृत्व में महिला स्वंय समूह के माध्यम से मास्क बनवाकर युद्धस्तर पर वितरित किया गया है ।

24 सौ में 15 सौ राशन कार्ड बने

जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में आए प्रवासियों को दो हजार चार सौ राशन कार्ड बनाया जाना है। इसमें 15 सौ प्रवासियों का राशन कार्ड बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मार्च, अप्रैल व मई में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया। हालांकि, कुछ जगह से शिकायतें भी आई जिसको गम्भीरता से लेते हुए जांच कराई गई और 10 कोटेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है। फिलहाल 88 हजार मजदूर प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं। मण्डलायुक्त ने कहा कि एल-1, एल-2 में जितने प्रवासी मजदूर रखे गए हैं उनको किसी प्रकार की परेशानी नही होनी चाहिए।

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महिला सीएमएस पर नाराज हुईं मण्डलायुक्त

चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान महिला अस्पताल में मेजर सर्जरी के लिए सक्षम स्टाफ की कमी बताई गई। इस पर कमिश्नर श्री मती त्रिपाठी ने महिला अस्पताल की अधीक्षक से सवाल किया कि क्या इससे पहले यह समस्या डीएम के समक्ष रखी गई है। सीएमएस की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की। बैठक में डीआईजी सुभाष चंद दूबे, एसपी देवेंद्र नाथ, सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन, एसडीएम सदर अन्नपूर्णा गर्ग, सीएमओ डॉ पीके मिश्रा व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

अनूप कुमार हेमकर

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