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UP Madarsa Holiday 2023: मदरसों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी, सरकार ने नहीं किया बदलाव
UP Madarsa Holiday 2023: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया है। यूपी सरकार ने अवकाश में कोई फेरबदल नहीं किया है। जुमे (शुक्रवार) के दिन ही साप्ताहिक अवकाश होगा।
UP Madarsa Holiday 2023: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया है। यूपी सरकार ने अवकाश में कोई फेरबदल नहीं किया है। जुमे (शुक्रवार) के दिन ही साप्ताहिक अवकाश होगा। इससे पहले कहा जा रहा था कि, सरकार मदरसों की छुट्टियों में बदलाव पर विचार कर रही है। साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार की जगह रविवार को करने की बातें सामने आ रही थी। लेकिन आज इन सभी कयासों पर विराम लग गया।
आपको बता दें कि, इससे पहले खबर आई थी कि यूपी सरकार शुक्रवार की जगह रविवार को ही साप्ताहिक अवकाश पर विचार कर रही थी। लेकिन, शनिवार को जब मदरसों की छुट्टियों के कैलेंडर जारी किए तो सभी कयासों पर विराम लग गया। इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा था कि पूरे देश में रविवार को ही शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों सहित बैंकों में भी रविवार को हीछुट्टी होती है। इसलिए मदरसों में शुक्रवार की जगह रविवार को अवकाश दिया जाए।
2023 में कुल 75 दिन मदरसे बंद रहेंगे
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद (UP Madarsa Education Council) ने साल 2023 की छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। योगी सरकार ने साप्ताहिक छुट्टी में कोई बदलाव नहीं किया है। साप्ताहिक अवकाश जुमे (शुक्रवार) को ही होगा। अगले साल यानी 2023 में कुल 75 दिन मदरसे बंद रहेंगे। वार्षिक अवकाश (Annual Leave 2023) रमजान (Ramadan) और ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) मिलाकर कुल 36 दिन का होगा।
अधिकारियों-कर्मचारियों को 14 दिन आकस्मिक अवकाश
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद चेयरमैन डॉ.इफ्तिखार जावेद (Madrasa Education Council Chairman Dr. Iftikhar Javed) ने बताया, कि अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए उपरोक्त अवकाशों के अलावा 14 दिनों का आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) भी दिया जाएगा। मदरसे के प्रबंधक एवं प्राचार्य दो-दो यानी कुल 4 दिन का अवकाश स्वीकृत कर सकते हैं। राष्ट्रीय त्योहारों पर शिक्षण कार्य स्थगित रहेंगे। मगर, शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी (Non Teaching Staff) व स्टूडेंट्स मदरसे में मौजूद रहकर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
इन प्रस्तावों को पेश किया गया था
मदरसा बोर्ड (Madarsa Board) ने 21 दिसंबर को बैठक की थी। जिसमें 19 अहम प्रस्ताव पेश किए गए। इनमें शुक्रवार या रविवार को छुट्टी किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके अतिरिक्त, मदरसों में लागू हो एक सामान यूनिफॉर्म, हज (Hajj) और उमरा अवकाश (umrah leave) की व्यवस्था, मदरसों में शिक्षकों के लिए MTET अनिवार्य, विज्ञान अध्यापकों के संबंध में समाहित करने, परस्पर स्थानांतरण, मातृत्व अवकाश (Maternity Leave), मृतक आश्रित की नियुक्ति समावेश, मदरसों के लिए जारी हो एकेडमिक कैलेंडर (Madarsa Academic Calendar), शीतकालीन अवकाश (winter vacation) जनवरी में दिए जाने का प्रस्ताव था।
मौलाना सुफियान निजामी ने बताया था गलत
दारुल उलूम फिरंगी महल (Darul Uloom Firangi Mahal) के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी (Maulana Sufiyan Nizami) ने प्रदेश के मदरसों में जुमे (शुक्रवार) की बजाय रविवार को छुट्टी पर अपना बयान दिया था। मौलाना निजामी ने रविवार की छुट्टी को सही नहीं बताया था। उन्होंने कहा था, मदरसों में पढ़ने वालों को इमामत भी करनी होती है। जुमे से जुड़े काम भी अंजाम देने होते हैं। इसलिए मदरसा बोर्ड की तरफ से मदरसों की छुट्टी जुमे को ही रखा जाए तो बेहतर होगा।
चाहे कोई दिन हो अवकाश, कोई फर्क नहीं पड़ता
वहीं, मुफ्ती शमून कासमी (Mufti Shamoon Qasmi) के अनुसार ने कहा था, 'अवकाश चाहे शुक्रवार हो या रविवार, दिन चाहे कोई सा भी हो मकसद एक दिन की छुट्टी का ही तो है। सप्ताह भर आदमी काम करता है। इसी में पढ़ना-पढ़ाना भी होता है। कामकाजी लोगों को अन्य कार्य निपटाने के लिए एक दिन का अवकाश आवश्यक होता है।'