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UP Madrasa: योगी सरकार का बड़ा एक्शन! सभी मदरसों की मान्यता खत्म, अब ऐसे मिलेगी अनुमति
UP News: मदरसा अजीजिया इजाजुतूल उलूम के मैनेजर अंजुम कादरी की तरफ से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। आज इस पर सुनवाई है और सरकार भी अपना पक्ष रखेगी।
UP News: लोकसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मदरसों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने सूबे के सभी मदरसों की मान्यता खत्म कर दी है। अब बिना मान्यता के राज्य में कोई भी मदरसा संचालित नहीं हो सकेगा। इसलिए अब उन्हें यूपी बोर्ड, सीबीएसई या फिर आइसीएसई से मान्यता लेनी होगी और मानकों को पूरा करना होगा। बता दें कि बीते 22 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सारे मदरसों को रद्द करने के आदेश दिया था।
प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालयों के आधार पर चलेंगे मदरसे
प्रदेश में मदरसे अब मानक को पूरा करते हुए बोर्ड से मान्यता लेकर प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालयों के आधार पर ही संचालित हो सकेंगे। अगर रद्द हुए मदरसे मानकों को पूरा नहीं करेगा और बोर्ड से मान्यता नहीं मिलेगी तो वह संचालित नहीं हो सकेंगे। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का दाखिला अब सरकारी बेसिक या माध्यमिक विद्यालयों में कराया जाएगा। नए नियम लागू कराने के लिए सरकार हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की है।
समिति बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए निर्देश भी जारी कर सकती है। वहीं, यदि छात्र-छात्राएं दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं तो स्थानीय स्तर पर सीटों की संख्या बढ़ाने व नए विद्यालयों की स्थापना के संबंध में भी समिति कार्य करेगी।
कोर्ट ने दिया था रद्द का आदेश
दरअसल, 22 मार्च को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम-2004 को असंवैधानिक करार दिया था और सारे मदरसे को रद्द कर दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद बीते गुरुवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस आदेश का पालन कराने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
कोर्ट में आज होगी इस फैसले पर सुनवाई
यूपी में 16 हजार मदरसे हैं। इन मदरसों में कुल 13.57 लाख छात्र पढ़ते हैं। इसमें कुल 560 अनुदानित मदरसें हैं और यहां पर 9,500 शिक्षक काम रहे हैं। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मानक पूरा कनरे वाले मदरसे चलेंगे। मानकों को पूरा करने वाले मदरसों को मान्यता मिलेगी। मदरसा अजीजिया इजाजुतूल उलूम के मैनेजर अंजुम कादरी की तरफ से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। आज इस पर सुनवाई है और सरकार भी अपना पक्ष रखेगी।