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Yogi Govt 2.0: नहीं थम रहे हैं अपराध, अब "फेस रिकग्निशन कैमरा " करेगा राज्य में कानून व्यवस्था कायम
अपराध पर रोकथाम के लिए अब यूपी सरकार ने "फेस रिकग्निशन कैमरा" की मदद लेने का फैसला किया है। योगी सरकार ने एडवांस सर्विलांस सिस्टम के तहत वाराणसी के चौक ,चौराहों और गलियों में कैमरा लगवाएं हैं।
Yogi Govt 2.0: योगी सरकार (Yogi Government) बनने के बाद से ही कई शहरों जैसे प्रयागराज से लगातार हत्या की खबरें आ रही हैं। ऐसे वक़्त में जहां बुलडोजर का नाम सुनते ही अपराधी सरेंडर करने थाने पहुंच जा रहे हैं, लगातार हो रही हत्याओं ने योगी सरकार की पेशानी पर बल दाल दिया है। अपराध पर रोकथाम के लिए अब यूपी सरकार (Yogi Government) ने "फेस रिकग्निशन कैमरा" (face recognition camera) की मदद लेने का फैसला किया है। इसी क्रम में योगी सरकार ने एडवांस सर्विलांस सिस्टम (Advance Surveillance System) के तहत वाराणसी के चौक ,चौराहों और गलियों में कैमरा लगवाएं हैं।
वाराणसी में 16 लोकेशन पर 22 कैमरे लगाए गए: मुख्य महाप्रबंधक
वाराणसी स्मार्ट सिटी (Varanasi Smart City) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ.डी वासुदेवन (Chief General Manager Dr.D Vasudevan) ने बताया कि पुलिस के सुझाव से वाराणसी में 16 लोकेशन पर 22 कैमरे लगाए गए है। ये कैमरे करीब 50 से 60 मीटर की दूरी से अपराधियों की पहचान कर लेता है और काशी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम (Kashi Integrated Command Control Room) के सिस्टम में बैठे एक्सपर्ट पुलिस कर्मियों को अलर्ट कर देता है। फेस अलॉगर्थिम यानी डाटा बेस में मौजूद अपराधी की फ़ोटो को कैमरे से कैप्चर करके पिक्चर से मिलान करेगा और उसकी विशेष पहचान कोडिंग और नाम से बता देगा।
ये कैमरे अपराधियों की सालो पुरानी फोटो मास्क, हेलमेट या किसी भी प्रकार से ढके हुए चेहरों की भी पहचान कर लेते है। अपराधी अपना हुलिया बदलेंगे तो भी कैमरे की नजर से नहीं बच पाएंगे। वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से पूरे जिले के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। लाखों की भीड़ में भी फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर आपराधिक चेहरे को खोज निकालेगा। जो चेहरों की पहचान प्रतिशत में बता देगा। कैमरे पर मौषम की मार भी बे-असर है। लाइव फीड के अलावा ये सॉफ्टवेयर फोटो टू फोटो और फोटो टू वीडियो में भी अपराधी को सर्च कर सकता है।
400 किलोमीटर तक बिछाया ऑप्टिकल फाइबर: डॉ.डी वासुदेवन
डॉ.डी वासुदेवन (Dr.D Vasudevan) ने बताया कि एडवांस सर्विलांस सिस्टम (Advance Surveillance System) के तहत 400 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है, जिसमें 720 लोकेशन पर 2183 अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए है। जो यातायात अपराध जैसे कई तरह से उपयोग में लाये जा रहे है। इस प्रोजेक्ट में भारतीय, यूरोपियन और अमेरिकन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है।
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