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नेमप्लेट मामलाः अपने फैसले पर अडिग यूपी सरकार, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, बताया क्यों जरूरी है दुकानों पर नेमप्लेट

Nameplate Controversy: योगी सरकार ने कहा कि निर्देशों के पीछे का उद्देश्य यात्रा के दौरान सहयोगी दल बनाना और यात्रा के दौरान कांवड़ियों को उनके द्वारा दिए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 26 July 2024 1:22 PM IST
Nameplate Controversy
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Nameplate Controversy  (photo: social media )

Nameplate Controversy: उत्तर प्रदेश में नेमप्लेट विवाद को लेकर शुरू हुई रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बाद भी यूपी की योगी सरकार अपने फैसले पर अडिग है। अब यूपी सरकार ने नेमप्लेट विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए एक हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें सरकार ने बताया है कि आखिर क्यों कांवड़ यात्रियों के रास्ते में आने वाले दुकानों पर नाम होना जरूरी है।

योगी सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपना पक्ष रखने के लिए हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें यूपी सरकार ने कैसल टूर के दौरान स्टेडियम पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया है।

यूपी सरकार का हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी की योगी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनकी दिशा-निर्देश-समुद्री यात्रा के लिए सहायक के लिए निर्देश दिए गए थे। योगी सरकार ने कहा कि निर्देशों के पीछे का उद्देश्य यात्रा के दौरान सहयोगी दल बनाना और यात्रा के दौरान कांवड़ियों को उनके द्वारा दिए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था।

योगी सरकार ने हलफनामे में साफ कहा है कि दुकान के सामने नेमप्लेट लगवाने के पिछे का मकसद साफ है कि इन निर्देशों में धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दिए गए निर्देश का पालन करें ताकि कुछ ऐसा न कर सके जिससे कांवड़ यात्रियों की धार्मिक आस्था आहत हो।


सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2024 को कांवड़ यात्रा के दौरान नेमप्लेट विवाद मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने उस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसमें कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों से उनकी पहचान बताने को कहा गया था। जहां कोर्ट का कहना था कि दुकानदारों को अपना नाम या पहचान बताने की जरूरत नहीं है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को केवल यह बताना होगा कि वे किस तरह का खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं। दुकानदारों को यह बताना होगा कि खाद्य पदार्थ शाकाहारी है या मांसाहारी, इसका खुलासा करना होगा।


क्या है पूरा मामला?

टाइए जानते हैं कि पूरा नेमप्लेट मामला क्या है। सावन के महीने को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा से पहले जरूरी निर्देश जारी किए थे। सरकार के मुताबिक सड़क किनारे ठेले समेत हर खाद्य पदार्थ की दुकान के मालिकों के लिए अपने नाम का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया था। जिसके बाद से इस मामले में सियासी घमासान शुरू हो गया। विपक्ष जहां इसको लेकर हमलावर हो गए तो वहीं सत्ता पक्ष इसको सही ठहराता रहा है।





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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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