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कोविड काल में मानसिक आघात झेल रहे बच्चों का संबल बनी यूपी सरकार, 75 जिलों में हो रही काउंसलिंग
Yogi Government: कोविड काल में अपने अभिभावकों को खोकर मानसिक आघात झेल रहे बच्चों के लिए यूपी सरकार ने खास मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श कार्यक्रम शुरू किया है।
Lucknow News: कोविड काल (covid-19) में अपने अभिभावकों के खोकर मानसिक आघात झेल रहे बच्चों के लिए यूपी सरकार (UP government) ने खास मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घर घर जाकर ना केवल ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है बल्कि मानसिक विशेषज्ञों की मदद से उनकी दुख और आघात से उबरने हेतु काउंसलिंग भी कराई जा रही। पूरे देश में किसी सरकार द्वारा उठाई गई यह एक तरह की अनूठी पहल है जो कि संवेदनशील होने के साथ-साथ कल्याणकारी भी है।
निदेशक महिला एवं बाल विकास (UP government), मनोज राय ने बताया कि कोविड के दौरान बहुत बच्चों ने अपने माता-पिता दोनो या उनमें से किसी एक को खो दिया है और ऐसे बच्चों के साथ जीवन भर खड़े रहने के लिए अब पहले से कहीं अधिक गंभीर आवश्यकता है ताकि वे एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकें और इस दुख से उबर सकें।
बाल सेवा योजना की शुरुआत जून 2021 में हुई थी
इसी भावना के साथ मुख्यमंत्री द्वारा उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत जून 2021 में हुई थी। वहीं अब कोविड-19 के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या उनमें से किसी एक को खोया है, सरकार ने उन तक पहुंचने और उन्हें काउंसलिंग प्रदान करने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में योजना के तहत 11,000 से अधिक कोविड प्रभावित की पहचान की गई है। यूनिसेफ और माइंड पाइपर (निजी मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) के सहयोग से, डीसीपीयू (जिला बाल संरक्षण इकाई) और वन स्टॉप केंद्रों के हर जिले में 4 काउंसलर को प्रशिक्षित किया गया है। ये काउंसलर इन बच्चों को दुख से उबरने में मदद कर रहे हैं । मनोज राय ने बताया कि कुल मिलाकर सभी 75 जिलों में इस उद्देश्य के लिए 300 से अधिक परामर्शदाताओं को प्रशिक्षित किया गया था।
घर घर जाकर बच्चों की ट्रॉमा काउंसलिंग
प्रशिक्षण के बाद ये काउंसलर इन कोविड प्रभावित बच्चों के घर घर जाकर उन्हें ट्रॉमा काउंसलिंग दे रहे हैं। मई, 2022 में एक विश्लेषण के दौरान पाया गया कि कुछ बच्चे अत्यधिक आघातित हैं। इन अत्यधिक पीड़ित बच्चों को डीप ट्रॉमा परामर्श प्रदान करने के लिए 40 परामर्शदाताओं को एक विशेष प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है, जो अंततः असामान्य दुःख से उबरने में कोविड प्रभावित की मदद कर रहे हैं।
ट्रॉमा-सूचित परामर्श एक विशेष देखभाल है जिसमें प्रशिक्षित परामर्शदाता एक कोविड प्रभावित बच्चे से जुड़ते हैं और उनके अतीत में अनुभव किए गए आघात से उबरने में मदद करने के साथ-साथ एक सकरात्मक जीवन जीने को प्रेरित करते हैं।