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योगी सख्त, इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं तत्काल बहाल करने के दिये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को अवश्य क्वारंटाइन कराया जाए। क्वारंटीन में भेजने से पूर्व सभी श्रमिकों की मेडिकल जाँच भी सुनिश्चित करायी जाए। क्वारंटीन सेण्टर्स में एनसीसी के प्रशिक्षित स्वयंसेवक तैनात किए जाएं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशवासियों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत, सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्काल बहाल की जाएं।
मेडिकल इंफेक्शन रोकना हो प्राथमिकता
मेडिकल इंफेक्शन को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि बचाव के सभी उपाय अपनाये जाएं। उन्होंने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा के दौरान मेडिकल इंफेक्शन रोकने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों द्वारा हर सम्भव कदम उठाये जाएं।मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
निजी चिकित्सालय भी आपात सेवाएं प्रारंभ करें
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकतर निजी चिकित्सालय भी आयुष्मान योजना से आच्छादित हैं। इनमें भी सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रारम्भ की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए अस्पताल आने वाले प्रत्येक मरीज की स्क्रीनिंग अत्यन्त आवश्यक है। इसके दृष्टिगत, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराने वाले सभी अस्पताल यह भी सुनिश्चित करें कि उनके यहां कोविड-19 के टेस्ट की भी सुविधा हो।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों में वर्क टु होम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में रहने वाले कर्मी कार्यस्थल पर न जाएं। हाॅटस्पाॅट इलाकों में केवल होम डिलीवरी, स्वास्थ्य व सेनिटाइज़ेशन से सम्बन्धित कर्मियों के आने-जाने की अनुमति दी जाए। अन्य व्यक्तियों की आवाजाही पर पूर्ण पाबन्दी लगायी जाए।
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हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में प्रत्येक घर को सेनिटाइज़ कराया जाए। कोविड-19 से बचाव व इससे संक्रमित व्यक्तियों के प्रभावी उपचार के लिए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने के लिए पूल टेस्ट को बढ़ावा दिया जाए।
क्वारंटाइन सेंटर्स में एनसीसी कैडेट्स करें तैनात
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को अवश्य क्वारंटाइन कराया जाए। क्वारंटीन में भेजने से पूर्व सभी श्रमिकों की मेडिकल जाँच भी सुनिश्चित करायी जाए। क्वारंटीन सेण्टर्स में एनसीसी के प्रशिक्षित स्वयंसेवक तैनात किए जाएं।
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कोविड अस्पतालों और नाॅन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग परिसरों में बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 52 मेडिकल काॅलेजों में कोविड अस्पताल बनाया जाए। जिन जनपदों में मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बनाया जाए। कोविड और नाॅन कोविड अस्पतालों के लिए प्रोटोकाॅल भी तय किया जाए।
ऑक्सीजन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोवल कोरोना वायरस के उपचार के लिए जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने, कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाये जाने की तैयारी करने एवं एल-1 व एल-2 अस्पतालों में भी आक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित के निर्देश भी दिये।
उन्होंने कहा कि एल-1, एल-2 व एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का क्षमता विस्तार किया जाए। उन्होंने पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि यह सामग्री भारत सरकार के मानकों के अनुरूप होनी चाहिए।
टेली मेडिसिन व्यवस्था को बढ़ावा दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए। इससे जनसामान्य को ओपीडी की भांति चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होने लगेंगी। इसके लिए ऐसे चिकित्सकों की सूची बनाकर जारी की जाए, जो आमजन को दूरभाष पर चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध करा सकें।
रूपे कार्ड के उपयोग पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि बड़ी संख्या में खोले गये जनधन खातों में जारी रुपे कार्ड का प्रयोग कोविड-19 को रोकने में उपयोगी हो सकता है। इसलिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस जानकारी का बड़े पैमाने पर विशेषतः ग्रामीण इलाकों में प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।
इससे बैंकों में भीड़ कम होगी तथा सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने 3 मई, 2020 के उपरान्त औद्योगिक गतिविधियों के संचालन के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये।
1 मई से जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरण पुनः शुरू करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन व्यवस्था का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि 01 मई, 2020 से जरूरतमन्दों के लिए खाद्यान्न वितरण की कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जाए। मण्डी खुले स्थानों में लगवायी जाए तथा इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। होम डिलीवरी में लगे लोगों का मेडिकल टेस्ट भी कराया जाए।
15 से 25 हजार क्षमता के क्वारंटीन सेंटर हर जनपद में
प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शेल्टर होम्स और क्वारंटीन होम्स को जियो टैग कराने के निर्देश भी दिये।
उन्होंने कहा कि क्वारंटीन में रखे गये लोगों की नाम, पता, मोबाइल नम्बर युक्त सूची तैयार की जाए। इन लोगों से नियमित संवाद भी किया जाए। क्वारंटीन स्थलों पर अच्छे व पर्याप्त भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए