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मुलायम के बेटे- बहू का कान्हा-उपवन: हथियाई गयी बेशक़ीमती 54 एकड़ सरकारी ज़मीन !

Rishi
Published on: 31 March 2017 9:26 PM IST
मुलायम के बेटे- बहू का कान्हा-उपवन: हथियाई गयी बेशक़ीमती 54 एकड़ सरकारी ज़मीन !
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लखनऊ : यूपी के पूर्व चर्चित आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बल्कि उनकी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। आप खबर पढ़ें, इससे पहले आप को बता दें, अखिलेश सरकार और सूर्य प्रताप के बीच 36 का अकड़ा रहा है। इन्होने आरोप लगाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपनी फेसबुक वाल पर कान्हा उपवन से जुड़े घोटाले को उजागर कर दिया।

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जैसा की आपको पता ही है कि मुलायम की छोटी बहू के बुलावे पर शुक्रवार को कान्हा उपवन गौशाला देखने पहुचें थे सीएम योगी आदित्यनाथ। इसके बाद देर शाम सूर्य प्रताप ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा, कि योगी को ये नहीं बताया गया कि ये नगर निगम की ज़मीन पर सपा सरकार द्वारा कराया गया क़ब्ज़ा है मुलायम के बेटे-बहू का, नगर निगम लखनऊ की 54 एकड़ हथिया ली गयी है। यह भूमि नगर निगम का स्वामित्व है परंतु क़ब्ज़ा मुलायम के बेटे व बहू का है।

उन्होंने लिखा नगर निगम ने इस 'पशु आश्रय' का निर्माण लावारिस पशुओँ को रखने के किए किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 7 अगस्त, 2010 को इसका उद्घाटन किया था। अखिलेश सरकार ने बिना किसी विज्ञापन निकले, यह पशु आश्रय मुलायम के बेटे-बहू के 'जीव अश्रालय' नामक NGO को 54 एकड़ ज़मीन व बिल्डिंग long-term lease पर आज़म ख़ान के निर्देश पर नगर विकास विभाग द्वारा दे दी गयी। इस ज़मीन पर खेतीबाड़ी होती है व animal food बनाने का प्लांट लगा है। शानदार बिल्डिंग बनी हैं। एक अस्पताल है।

कुछ लावारिस पशु भी रखे जाते हैं, परंतु यह कोई गोशाला नहीं है। जिस दिन मुख्यमंत्री गए थे उससे 4-5 दिन पूर्व से कुछ गायों को लाकर रख दिया गया था। यह ज़मीन ऐन नगर निगम कभी वापिस नहीं ले सकता। शहर के महँगे भाग ' सरोजिनी नगर' में स्थित है। इस भूमि की क़ीमत रु.1500 करोड़ से अधिक है।

सूर्य लिखते हैं, वास्तव में यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त सरकारी भूमि पर 'मुलायम परिवार' का प्रत्यक्ष क़ब्ज़ा है। इसके क़ब्ज़े को कभी न हटाया जा सके, शायद इसी लिए मुख्यमंत्री को डार्क में रखकर भ्रमण कराया गया। नगर निगम को इस भूमि की लीज निरस्त कर ओपन विज्ञापन जारी करना चाहिए ..... यह भ्रष्टाचार है मेरे भाई !!!!

फिलहाल ये तो रही सूर्य प्रताप की बात अब हम आपको बताते हैं कि आखिर आज योगी की नजरों से क्या बचा रह गया

उपवन में जानवरों को जिस बाड़े में रखा गया है। वहां गंदगी फैली थी। इसी गन्दगी से होकर जानवर आ-जा रहे थे। बाड़े में कई पंखे लगे हैं लेकिन उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वो चल सकें। रौशनी के लिए कुछ ट्यूबलाइट्स लगी हैं लेकिन वो भी खराब हैं। बिजली वायरिंग के बोर्ड खुले हैं।

दीवारों पर पान की पीक से शानदार कलाकृतियाँ बनी हुई हैं। फर्श कई स्थान पर टूटी है। जानवरों के पानी पीने के स्थान पर काफी गन्दगी है। जानवरों का शरीर देख ऐसा लगा जैसे कई दिनों से इन्हें नहलाया नहीं गया है। नालियों गंदगी से बंद पड़ी हैं।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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