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CM योगी का 'टाइम मैनेजमेंट' बन रहा नौकरशाहों के लिए गले की हड्डी

Rishi
Published on: 9 Sept 2017 8:26 PM IST
CM योगी का टाइम मैनेजमेंट बन रहा नौकरशाहों के लिए गले की हड्डी
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लखनऊ: यूपी की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़े ढोल मंजीरे बजा के सूबे को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के दावे किये। लेकिन ये सभी हवाई साबित हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी हाईकमान और आरएसएस भी ये मानने लगा है, कि राज्य में बहुत सारी गतिविधियां, बहुत सारे आश्वासन और कई बैठकों का दौर तो चल रहा है लेकिन कुछ हो नहीं रहा है।

आलम ये है, कि अब सरकार के कामकाज पर यूपी के हर एक कोने में लोग कहने लगे हैं, कि कुछ हो नहीं रहा है। लेकिन इस कुछ के बारे में कोई खुल कर बोलता नहीं है।

इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा रहा है, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कामकाज के घंटे तो खींचने चले जाते हैं, लेकिन उसका कोई परिणाम सामने नहीं आता। यह शासन के बारे में आम धारणा है, कि बहुत सी मीटिंगें हो रही हैं, लेकिन उनके बहुत कम परिणाम सामने आ रहे हैं। सीएम के कामकाज की शैली और उनका समय प्रबंधन अधिकारियों के असंतोष का नया करण बन गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, कि मुख्यमंत्री ने कई मीटिंग्स करते हैं और वो देर शाम अधिकारियों को बुलाते हैं। अधिकारियों को रात तक इंतजार करना पड़ता है, ताकि मुख्यमंत्री से मिल उनके निर्देश ले सकें। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री को इस तथ्य से अवगत होना चाहिए कि सभी के लिए समय बहुमूल्य है।

एक और अधिकारी ने कहा कि सीएम मीटिंग्स में बोलते बहुत हैं। लेकिन किसी की सुनते नहीं। यदि ऐसा ही चलता रहेगा तो उनमें और नौकरशाहों के बीच दूरी और अधिक बढ़ेगी जो सही नहीं है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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