संविधान दिवस को लेकर युवा चेतना ने किया वेबिनार, शामिल हुए ये लोग

मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने कहा कि जब विश्व के अन्य देश संविधान निर्माण की प्रक्रिया में थे तो भारतीय संविधान उनके लिए मानक था।

Roshni Khan
Published on: 22 Jan 2021 11:36 AM GMT
संविधान दिवस को लेकर युवा चेतना ने किया वेबिनार, शामिल हुए ये लोग
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युवा चेतना द्वारा आयोजित संविधान,लोकतंत्र एवं भारत विषयक वेबिनार में उपस्थित गणमान्य (PC: social media)

लखनऊ: संविधान,लोकतंत्र एवं भारत विषयक वेबिनार का आयोजन युवा चेतना ने किया। वेबिनार का उद्घाटन करते हुए स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि लोकतंत्र में सब बराबर हैं और संविधान जनता का रक्षा कवच।स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की संविधान की रक्षा प्रत्येक भारतीय की जवाबदेही है।

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मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने कहा कि जब विश्व के अन्य देश संविधान निर्माण की प्रक्रिया में थे तो भारतीय संविधान उनके लिए मानक था। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा की संविधान नागरिकों के लिए प्रकाश पुंज है। लोकतंत्र में सरकार अगर ग़लत करती है तो संविधान जनता का सहायक होता है। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि संविधान और राष्ट्र के प्रति सबको निष्ठा रखना चाहिए।

प्रभु राम ने भी पत्नी का त्याग जनता को संतुष्ट करने हेतु किया था

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्रभु राम ने भी पत्नी का त्याग जनता को संतुष्ट करने हेतु किया था और देवी सीता ने भी जनता के मन में उत्पन्न द्वन्द को समाप्त करने हेतु प्रभु राम का सहयोग किया था। पूर्व में राजा और नेता जनभावनाओं के प्रति चिंतनशील होते थे परंतु अब स्थिति बदल गई है। सिंह ने कहा कि हमारा संविधान हमें बराबरी का अधिकार देता है परंतु राष्ट्रपति के घर का बच्चा और गाँव में खेती करने वाले किसान का बच्चा एक जैसे विद्यालय में शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाता है। सिंह ने कहा कि 1952 से लेकर 2020 तक चुनावी मुद्दे नहीं बदले लोकतंत्र रोटी, कपड़ा और मकान से आगे नहीं निकल पाया। सिंह ने कहा कि भारत के पुनर्निर्माण हेतु सबको आगे आना होगा।

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गरीब को ताकत भारतीय लोकतंत्र में संविधान से मिलता है

वेबिनार को सम्बोधित करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेपी सिंघल ने कहा कि गरीब को ताकत भारतीय लोकतंत्र में संविधान से मिलता है। पूर्व सांसद विवेक गुप्ता ने कहा कि हमारे संविधान में 125 बार संशोधन हुआ है। हमारा संविधान हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है। गुप्ता ने कहा कि सरकार को संयुक्त सूची पर विचार करना चाहिए।केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को कुछ छूट देने की आवश्यकता है। यूईटीआर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जेसी जैन ने कहा कि लोकतंत्र की सुंदरता संविधान से ही है।

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