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युवाओं ने की नवरात्र में अनोखी भगवती पूजा, हर तरफ हो रही चर्चा
गोरखपुर: नवरात्र के दिनों में चौतरफा भक्तिमय माहौल चल रहा है तथा आम जनमानस पूजन अर्चन में लगा हुआ है। अमूमन इस त्यौहार में मातृरूप में शक्ति की पूजा की जाती है, लेकिन जहाँ एक तरफ लोग मूर्तियों में अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए देवीपूजन करते हैं, वहीं इसी काल में लोगों की अपेक्षाओं के चलते कुछ महिलाएँ जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं, वो पशुवत जिंदगी जीने को मजबूर हैं। देवीपूजन के इस दौर में ऐसी ही परित्यक्ता महिलाओं को पुनः समाज की मुख्यधारा में लाने को बेताब युवाओं की एक संस्था ने इस पर्व की महत्ता अपने ही ढंग से निकाली है।
हम बात कर रहे है युवाओं की संस्था स्माईल रोटी बैंक टीम की। जिसने निर्णय लिया कि नवरात्र में चलती फिरती, घूमती टहलती नारी रूपी देवियों को पशुवत जिंदगी से निकालकर मानवीय जिंदगी दी जाए। इस पर उनकी टीम के वरिष्ठों ने नारी पूजन के इस दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए इसे अपने कार्य का केंद्रबिंदु बनाया और निकल पड़े ऐसी ही मातृरूपेण संस्थिताओं की खोज में।
रेलवे स्टेशन से लेकर पूरे शहर में चलाई मुहिम
सर्वप्रथम टीम रेलवे स्टेशन और शहर घूमी और दो अति विछिप्त अवस्था वाली महिलाओं को अपनी वैन से स्माईल होम ले आई। एक महिला व्हीलचेयर से लाई गई क्योंकि वो चलने फिरने में असमर्थ थी। फिर दोनों को स्नान कराया गया और फिर उनको साफ कपड़े पहनाए गए और उनका संक्षिप्त मेकअप भी किया गया। नवरात्र में यही सर्वोत्तम देवी पूजन है कि कोई भी नारी शक्ति सड़क किनारे विक्षिप्त अवस्था में न रहे।
संकल्प किया और करके दिखाया
संस्था के सदस्य आजाद पांडे का कहना है कि शहर के मानसिक विक्षिप्त रोगियों को नवरात्र में हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि मानसिक विक्षिप्त जिंदगी जीने वाले कूड़े के ढेर पर सोने वाली महिलाओं को जो शहरों में पशुओं की जिंदगी जी रहे हैं उन्हें आज हम उनकी देखभाल के साथ साथ उनकी साफ सफाई भी करेंगे क्योंकि लोग यहां देवी की पूजा में करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं लेकिन इन मानसिक विक्षिप्त लोगों के विषय में सोचने का भी समय नहीं है ना तो नेताओं की नजर जाती है ना अधिकारियों की औरत और समाज भी इनको देखकर अनदेखा कर देता है हमने आज इन महिलाओं को नवरात्रि के पर्व पर इन की साफ सफाई कर इन्हें कपड़े पहनाए जिस तरह मां दुर्गा की पूजा होती है और उनका सिंगार किया जाता है उसी तरह आज हमने इन मानसिक विक्षिप्त महिलाओं की भी साफ सफाई कर उनका श्रृंगार किया और उनकी देखभाल के लिए अपनी टीम को लगाया भी है अगर शहर में और भी इस तरह की विचित्र महिलाएं मिलेंगे तो हम उनके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयास कर उनको उनके घर छोड़ेंगे।
वहीं इस अनोखे पूजन में नेहा, नीलम, रश्मि शाम्भवी, सीमा और साक्षी ने मानसिक विक्षिप्त महिलाओं का नहला धुला कर उनका श्रृंगार किया।