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Zila Panchayat Election UP: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के पहले प्रेस कांफ्रेंस में एकजुट हुए सपाई, एक सुर से बोले
Zila Panchayat Election UP: चंदौली जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नाम वापसी के बाद भाजपा और सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
Zila Panchayat Election UP: उत्तर प्रदेश में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने पहले निर्विरोध और फिर नाम वापसी के दिन बड़े नाटकीय अंदाज में समाजवादी पार्टी के कई प्रत्याशियों को दरकिनार करते हुए जीत हासिल कर ली है। उससे समाजवादी पार्टी के नेता काफी दहशत में हैं और तीन जुलाई को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में तरह-तरह की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
कुछ इसी तरह की आशंका प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के चंदौली जिले के पूर्व सांसद रामकिशन यादव ने चंदौली जिले में सपा के कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने के लिए कहा है, ताकि 3 जुलाई को अगर किसी भी प्रकार का दबाव बनाया जाए या समाजवादी पार्टी के पक्ष में किसी सदस्य को वोट देने से रोका जाए तो जमकर इसका विरोध किया जा सके।
भाजपा के लोकतांत्रिक व सपा के पारिवारिक प्रत्याशी के बीच होगी सीधी टक्कर
चंदौली जिले में भाजपा ने लोकतंत्र को सही तरीके से परिभाषित करते हुए एक आम नागरिक,चालक की जिंदगी व्यतीत करने वाले को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। जबकि समाजवादी पार्टी अभी भी परिवारवाद से नहीं उभर पा रही है।
चंदौली जनपद के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के भतीजे को सपा अपना उम्मीदवार बनकर फिर परिवारवाद की राजनीति को साबित कर दिया है।भाजपा के प्रत्याशी दीनानाथ शर्मा एक आम नागरिक की तरह जीवन व्यतीत करने वाले हैं।
भाजपा और सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में
अपने व्यक्तिगत व्यवहार से निर्विरोध बसपा के शासनकाल में जनपद के शहाबगंज ब्लॉक के प्रमुख भी रह चुके हैं,जबकि सपा प्रत्याशी अपने परिजनों की राजनीति के भरण पोषण का ही लाभ ले रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नाम वापसी के बाद जनपद में भाजपा और सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। हालांकि भाजपा के पक्ष में पलड़ा भारी है जबकि सपा भी अपने जीत के लिए कशमकश में लगी है।
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा
भाजपा जिस दीनानाथ शर्मा को जिले का प्रथम नागरिक बना रही है।
वह मूल रूप से आजमगढ़ के निवासी हैं और घर से रोजगार के लिए भागे थे जिनकी मुलाकात पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने से हो गई छत्र बली सिंह राजनीति के माहिर व्यक्ति है और दो बारा से अपने पास ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किए हुए हैं।
इस बार भी अपने खास साथी व चालक दीनानाथ शर्मा को भाजपा के द्वारा कुर्सी पर बैठाने की गुड़ा गणित में लगे हुए हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज नारायण यादव पूर्व सांसद रामकिशन के भतीजे हैं और चाचा के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं।
चाचा के नाव पर सवार होकर सपा के द्वारा जिले के प्रथम नागरिक होने के प्रयास में जुटे हुए हैं। 3 जुलाई को होने वाले मतदान में आने वाले परिणाम के लिए बाद मालूम हो जाएगा कि किसमें कितना दम है।