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Zila Panchayat Election UP 2021: अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर बोला हमला
अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने सत्ता के दंभ में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में धांधली करने में हद कर दी है।
Zila Panchayat Election UP 2021: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने सत्ता के दंभ में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में धांधली करने में हद कर दी है। उनके अलोकतांत्रिक आचरण से संवैधानिक संस्थाओं के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। जनादेश का अपहरण करते हुए भाजपा के नेताओं के साथ प्रशासन के सहयोग से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों, प्रस्तावकों को बलपूर्वक नामांकन करने से रोका गया। समाजवादी पार्टी के नेताओं पर फर्जी मुकदमे लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। दुःख और क्षोभ इस बात का है कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने वालों पर अधिकारी अंकुश लगाने के बजाय मूकदर्शक बने रहे। निर्वाचन आयोग भी असहाय बना रहा और राजभवन ने भी मौन धारण कर रखा है।
जनता की अदालत से तिरस्कृत भाजपा ने बलरामपुर में जबरन अपनी जीत दर्ज कराने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नज़रबंद कर नामांकन पत्र छीन लिया। लोकतंत्र का गला घोंटते हुए ललितपुर में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नामांकन नहीं करने दिया गया। गोरखपुर में भाजपा के अवांछित तत्वों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर कब्जा कर लिया। नामांकन कक्ष जाने वाले हर प्वाइंट पर भाजपाई पहरा देते रहे। मुख्यमंत्री के गृह जनपद में इस तरह का अनैतिक आचरण होना शर्मनाक है। झांसी में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को नामांकन से रोका गया। समाजवादी पार्टी के पक्ष में जिला पंचायत सदस्यों की बहुमत संख्या होने के बावजूद यहां अलोकतांत्रिक आचरण पर प्रशासन निरीह बना रहा। वाराणसी में सत्ता के बल पर समाजवादी प्रत्याशी का पर्चा खारिज कर दिया गया।
पुलिस की उपस्थिति में बस्ती में भाजपा के प्रत्याशी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को खींचकर अपहरण का प्रयास किया। गाजियाबाद में नामांकन से पहले समाजवादी उम्मीदवार और प्रस्तावक का अपहरण कर लिया गया। बरेली में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पर जानलेवा हमला किया गया। कई जिला के पुलिस और राजस्व के अधिकारी चुनाव में धांधली रोकने के बजाय उसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभाते दिखाई दिए हैं।
जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में अपनी हार को जबरन छल कपट से जीत में बदल कर तात्कालिक रूप से मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व भले ही आज वाहवाही करा लें पर कल विधानसभा के चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। जनता उनको उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार बैठी है। समाजवादी पार्टी वर्ष 2022 में विधानसभा की 350 सीटें जीतकर आएगी और भाजपा चंद सीटों पर सिमट कर विपक्ष में बैठने को मजबूर होगी।