Zila Panchayat Election UP 2021: अजय राय को 'खटक' रही है अखिलेश यादव की 'ख़ामोशी', सपा को बताया भ्रष्टाचारियों की पार्टी

Zila Panchayat Election UP 2021: जिप चुनाव को लेकर अजय राय ने सपा सुप्रीमो अखिले यादव पर बड़ा हमला बोला है.

Ashutosh Singh
Report Ashutosh SinghPublished By Vidushi Mishra
Published on: 27 Jun 2021 3:07 PM GMT
Politics is going on regarding Zilla Panchayat elections. Now it has entered Congress veteran Ajay Rai.
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 अजय राय (फोटो-सोशल मीडिया)

Zila Panchayat Election UP 2021: जिला पंचायत चुनाव को लेकर सियासत जारी है. अब इसमें इंट्री हुई है कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय राय की. जिप चुनाव को लेकर अजय राय ने सपा सुप्रीमो अखिले यादव पर बड़ा हमला बोला है. अजय राय ने चुनाव को लेकर सपा और बीजेपी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी को भ्रष्टाचारी बताते हुए अखिलेश यादव को डरपोक तक बता दिया.

अजय राय ने दिया ये बयान

अजय राय ने रविवार को अपना एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि "आज पूरे प्रदेश में नामांकन के बाद जिस तरह की स्थिति परिस्थिति बनी है उसमें पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या की गई है. इस लड़ाई को सपा पूरी मजबूती से लड़ नहीं पाई है.

अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव पूरी पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है, इसलिए बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत सपा के पास नहीं है. सपा अपने कार्यकर्ताओं की भी हिफाज़त करने में नाकाम रही है. अखिलेश यादव को बीजेपी के खिलाफ सड़क पर उतरना चाहिए था. मगर अखिलेश यादव ने ऐसा नहीं किया."

अजय राय के गुस्से कि ये है वजह

दरअसल अजय राय का गुस्सा इटावा जिला पंचायत की उम्मीदवारी को लेकर है. प्रदेश में एक तरफ जहां कई जिलों में सपा के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोकने के आरोप लगे तो वहीं दूसरी तरफ इटावा में इससे बिल्कुल अलग तस्वीर नजर आई.

यहाँ पर बीजेपी की ओर से उम्मीदवार ने नामांकन ही नहीं किया गया. अजय राय के मुताबिक इटावा सीट को लेकर दोनों पार्टियों के बीच अंदरखाने समझौता हुआ था. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी का सामना करने के बजाय हथियार डाल दिए.

बनारस में कांग्रेस ने सपा को दिया था समर्थन

पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की थी लेकिन शनिवार देर रात पर्चे के स्क्रूटनिंग के दौरान सपा प्रत्याशी चंदा यादव का नॉमिनेशन कैंसल कर दिया गया.

घटना के बाद सपा ने अपने "चिर परिचित" अंदाज में प्रतिक्रिया नहीं दी या कोई बयान नहीं जारी किया जिसको लेकर सियासी गलियारे में एक अलग सुगबुगाहट शुरू हो गई है. कांग्रेस को उम्मीद थी की जिप चुनाव में सपा पूरे दमखम के साथ बीजेपी का मुकाबला करेगी।

लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक प्रत्याशियों के नामांकन रद्द होने का सिलसिला शुरू हुआ तो इससे हर कोई हैरान रह गया. हैरानी सत्तापक्ष के इस कदम से ज्यादा, अखिलेश यादव की खामोशी को लेकर है. और शायद यही कारण है की ये खामोशी अजय राय सरीखे नेताओं कोअब खटक रही है.

Vidushi Mishra

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