Zila Panchayat Election UP 2021: यूपी जिला पंचायत अध्यक्षों (Zila Panchayat Adhyaksh Chunav) के चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने (BJP Victory) के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) और ताकतवर बनकर उभरे हैं। भाजपा ने इन चुनावों में 75 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की है और पिछले पंचायत चुनाव में जोरदार प्रदर्शन करने वाली सपा को करारा झटका दिया है। सपा को सिर्फ 5 सीटें मिल सकीं जबकि रालोद और जनसत्ता दल ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की। जौनपुर (Jaunpur Zila Panchayat Election) की सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की। सोनिया के गढ़ माने जाने वाले रायबरेली (Raebareli Panchayat Election) और सपा के गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी, रामपुर और संभल में भी विजय पताका फहरा कर भाजपा ने अपनी ताकत दिखा दी है।
मजे की बात यह है कि इस ऐतिहासिक जीत के बाद जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लोक कल्याणकारी नीतियों का प्रतिफल बताया तो दूसरी ओर पीएम मोदी ने इस जीत का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही दिया है। हाल में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व में परिवर्तन की चर्चाओं पर विराम लगने के बाद योगी ने एक बार फिर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है जिस कारण पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों ने उनकी पीठ थपथपाई है।
भाजपा को पहली बार मिली इतनी बड़ी जीत
यह पहला मौका है जब भाजपा 67 जिलों में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रही है। इन चुनावों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा था और इस सेमीफाइनल मुकाबले में योगी की अगुवाई में भाजपा ने विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है।
इस जीत को बड़ा सियासी संदेश माना जा रहा है। इन चुनावी नतीजों से साफ है कि भाजपा शहरों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी पैठ बनाने में कामयाब हुई है और आने वाले दिनों में ग्रामीण इलाकों में भाजपा की सक्रियता और बढ़ाई जा सकती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी दिखाई ताकत
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार 21 सीटों पर पहले ही निर्विरोध है चुने जा चुके थे। शनिवार को हुए चुनाव में भाजपा के 46 प्रत्याशियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर भाजपा की ऐतिहासिक जीत का मार्ग प्रशस्त किया। चुनाव के दौरान भाजपा निर्दलीयों का जबर्दस्त समर्थन पाने में कामयाब रही। सबसे चौंकाने वाला चुनाव परिणाम तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रहा जहां भाजपा ने बागपत की सीट को छोड़कर सभी सीटों पर कब्जा कर लिया। रालोद सिर्फ बागपत की सीट पर कब्जा बनाए रखने में कामयाब रहा।
पूर्वांचल में भी भाजपा ने आधी से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा कर सपा को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। सपा को केवल दो सीटों बलिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में जीत हासिल हुई। जौनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को विजय हासिल हुई जबकि भदोही में भाजपा विधायक रविंद्र त्रिपाठी के भाई को जीत मिली है। ब्रज में 6 सीटों में से 5 पर भाजपा ने जीत हासिल की है।
सपा का किला भी हो गया ध्वस्त
सपा के गढ़ माने जाने वाले रामपुर और संभल में भाजपा की जीत को काफी उल्लेखनीय माना जा रहा है। दोनों ही जिलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मतदान कराया गया। आजम खान का गढ़ माने जाने वाले रामपुर में भाजपा ने अपनी सीट बरकरार रखी जबकि सपा सांसद डॉ. बर्क के गढ़ माने जाने वाले संभल में भाजपा ने पहली बार जीत हासिल करते हुए इतिहास रच दिया।
संभल की सीट पर पिछले 10 वर्षों से सपा का कब्जा था, लेकिन इस बार भाजपा की अनामिका यादव ने इस सीट पर विजय पताका फहरा दी। कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और सपा के गढ़ मैनपुरी में भी भाजपा की जीत को विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
हाईकमान ने थपथपाई योगी की पीठ
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे विकास, जन सेवा और कानून के राज के लिए जनता का आशीर्वाद बताया है। उन्होंने इस जीत का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया है और सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए बधाई भी दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस शानदार जीत के लिए योगी आदित्यनाथ और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को बधाई दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस जीत का श्रेय योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश अध्यक्ष को दिया है।
सरकार व संगठन में दिखा बेहतर तालमेल
प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे पंचायत चुनाव को जीत कर योगी और स्वतंत्र देव की जोड़ी ने फाइनल मुकाबले में भी कोई कसर बाकी न छोड़ने का संदेश दिया है। अब यह तय माना जा रहा है कि इसी जोड़ी के हाथों में विधानसभा चुनाव की बागडोर भी रहेगी।
पंचायत चुनाव में सरकार और संगठन के बीच दिखे तालमेल ने पार्टी हाईकमान को भी खुश कर दिया है। कई जिलों में दोनों के तालमेल के कारण ही भाजपा के लिए असंभव दिख रही जीत भी संभव हो गई।
पंचायत चुनावों के नतीजों को भाजपा के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है जबकि सपा प्रबंधन में फेल साबित हुई। कांग्रेस और बसपा के लिए तो ये चुनावी नतीजे किसी बड़े झटके से कम नहीं है। देखने वाली बात यह होगी कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा इन नतीजों का कहां तक फायदा उठा पाती है।