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कहीं खेली गई लड्डू होली, तो कहीं ढोल पर गूंजा फाग- होली खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री

ढप, ढोल और मृदंग वादन के बीच ‘ढप बाजे री ग्वालनियां, होली खेलन आयो रे बरसाने कन्हैया, जमुना तट आज मची होली’ गायन सुनते ही बन रहा था। होली खेलन आयौ श्याम आज जाय रंग में बोरो री, हा-हा खाय पड़ै पैरन में तब जाय छोड़ो री,

zafar
Published on: 5 March 2017 4:50 PM GMT
कहीं खेली गई लड्डू होली, तो कहीं ढोल पर गूंजा फाग- होली खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री
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कहीं खेली गई लड्डू होली, तो कहीं ढोल पर गूंजा फाग- होली खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री

मथुरा: पूरे ब्रज में इस समय फागुन की दिव्य मस्ती की बयार चरम पर है। कहीं लडडू की होली तो कहीं हुरियारिन प्रेम पगी लाठियां हुरियारों पर बरसा रही हैं। कहीं भगवान श्रीराधा-कृष्ण और गोप-गोपियां फूलों की होली खेल रहे हैं तो कहीं अबीर-गुलाल और टेसू के रंग से श्रद्धालु सराबोर हो रहे हैं।

जाने कैसो चटख रंग डालौ

रविवार को मंदिर द्वारिकाधीश में रंग-अबीर और टेसू के रंग की जमकर बरसात हुई। द्वारिकाधीश में सुबह राजभोग के समय प्रातः दस से 11 बजे तक चलने वाले फाग रसिया गायन में वल्लभ कुल संप्रदाय के अष्ट छाप कवियों के भजन-गीत ठाकुरजी के सामने गाए गए।

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कहीं खेली गई लड्डू होली, तो कहीं ढोल पर गूंजा फाग- होली खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री

ढप, ढोल और मृदंग वादन के बीच ‘ढप बाजे री ग्वालनियां, होली खेलन आयो रे बरसाने कन्हैया, जमुना तट आज मची होली’ गायन सुनते ही बन रहा था।

होली खेलन आयौ श्याम आज जाय रंग में बोरो री, हा-हा खाय पड़ै पैरन में तब जाय छोड़ो री

मेरी चुनरी में लग गयौ दाग रही, जानै कैसौ चटक रंग डालौ

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होली के गीतों के बोल रोम-रोम को पुलकित कर रहे थे। बीच-बीच में अबीर, गुलाल और फुलों की पंखुड़ियां भी श्रद्धालुओं पर उड़ाई जाती रहीं। अबीर-गुलाल उड़ाये जाने के बीच-बीच में पिचकारी से टेसू के रंग की भी बौछार होती रही। अबीर-गुलाल और रंग की जितनी बौछार होती, श्रद्धालु उतने ही मस्त होकर नृत्य करने लगते।

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महिलाएं हों या पुरुष, रसिया गायन को सुन कोई नृत्य करने से अपने को रोक नहीं सका। एक घंटे से अधिक समय तक मंदिर के चारों ओर का वातावरण सतरंगी बना रहा। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से ठसाठस भरा रहा। राजाधिराज मंदिर में रंगभरनी एकादशी को ठाकुरजी के कुंज में विराजमान होकर होली खेली जाएगी।

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लड्डू होली पर झूमे भक्त

बरसाना की विश्वविख्यात बरसाने की लठामार होली की पूर्व संध्या पर समूचा बरसाना अबीर-गुलाल के घुमड़ते बादलों के बीच लड्डुओं की खुशबू में डूबा नजर आया। यहां पहुंचे नंदगांव के पांडे ने होली खेलने का न्यौता क्या दिया उस पर अबीर-गुलाल की वर्षा हो उठी। प्रसाद स्वरूप मिले लड्डुओं को उसने भक्तों पर लुटा-लुटा कर ऐसा नृत्य किया कि हर कोई झूम उठा।

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रविवार को होलाष्टक प्रारंभ होने के साथ ही एक ओर राधारानी की सहचरी होली का निमंत्रण लेकर नंदगांव पहुंची तो दूसरी ओर नंदगांव से पांडे यहां होली का निमंत्रण लेकर पहुंच गया। पांडे का स्वागत भांग-ठंडाई से किया गया।

भांग की मस्ती में डूबे पांडे ने होली निमंत्रण दिया तो उसे प्रसाद स्वरूप लड्डू दिए गए। पांडे मस्ती में झूमता हुआ इन लड्डूओं को सखियों पर लुटाने लगा। अबीर-गुलाल की वर्षा होने लगी। लाड़लीजी मंदिर के पट खुलते ही शाम सेवायत गोविन्दा गोस्वामी ने पांडे के रूप में श्रीजी के प्रसादी लड्डुओं को समाज गायन के दौरान नाचते हुए लुटाया।

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प्रेमातुर पांडे द्वारा लुटाए गए लड्डुओं को लूटने की होड़ भक्तों में लग गई। लड्डू होली के बाद संध्या आरती होने के उपरांत लाड़िलीजी मंदिर से मुखिया रामभरोसे गोस्वामी के नेतृत्व में होली की द्वितीय चैपाई निकालकर लोगों को संदेश दिया गया कि आज नंदगांव से भगवान श्रीकृष्ण अपने ग्वाल बालों के साथ होली खेलने के लिए आ रहे हैं।

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लठामार रंगीली होली के लिए राधारानी की ओर से कान्हा के लिए आमंत्रण लेकर राधा दासी नंदगांव गई। वृंदावन के गोपाल घाट पर रहने वाली राधा दासी पिछले 12 वर्ष से इस कार्य को करती चली आ रही है। राधा दासी को यह कार्य अपनी गुरु श्यामा दासी से उत्तराधिकार में मिला है। राधा दासी इस कार्य को करके खुद को भाग्यशाली मानती हैं।

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वहीं लड्डू होली पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा को भक्तों ने भंडारे लगाकर तरह-तरह के व्यंजन बनाकर प्रसाद बांटा। इसके बाद मंदिर से प्रसाद का बंटना शुरू हो गया। पुजारियों ने भक्तों पर लड्डुओं की वर्षा शुरू कर कर दी। राधारानी का प्रसाद पाने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। श्रद्धालुओं ने झोली फैला दी।

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करीब एक घंटे तक मंदिर से लड्डुओं के साथ गुलाल और रंग भी उड़ाया गया। भक्ति रस की इस बयार में सभी लोग मस्त नजर आए। श्रीजी मंदिर में गाए जा रहे होली के गीत और नगाड़ों की थापों पर श्रृद्धालु जमकर नाचे भी।

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बरसाने में लड्ड होली के बाद सोमवार को नंदगांव के हुरियारे लठामार होली खेलने आएंगे। उनके स्वागत के लिए रंगीली गली तैयार है। बरसाने की गोपियां लाठी लेकर हुरियारों का इंतजार कर रही हैं। लड्डू खाने के बाद हुरियारे अब लाठी का स्वाद चखने के लिए भी तैयार हैं।

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