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योगी के गढ़ में चुनावी शंखनाद, पर प्रत्याशियों का पता नही
लोक सभा उप चुनाव की तिथि का एलान होते ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। वहीँ विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए है हालांकि अभी तक किसी पार्टी ने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं। सभी दल एक दूसरे पर नजर गड़ाए बैठे हैं। भाजपा की घेराबंदी के लिए सभी दलों के बीच महागठबंधन से लेकर कुछ प्रभावशाली संभावित उम्मीदवारों के दलबदल को लेकर चल रहे हैं।चर्चाओं ने भी पूरा जोर पकड़ लिया है।
गोरखपुर: लोक सभा उप चुनाव की तिथि का एलान होते ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। वहीँ विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए है हालांकि अभी तक किसी पार्टी ने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं। सभी दल एक दूसरे पर नजर गड़ाए बैठे हैं। भाजपा की घेराबंदी के लिए सभी दलों के बीच महागठबंधन से लेकर कुछ प्रभावशाली संभावित उम्मीदवारों के दलबदल को लेकर चल रहे हैं।चर्चाओं ने भी पूरा जोर पकड़ लिया है।
- गोरखपुर लोकसभा सीट से लगातार पांच बार सांसद रहे गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।
- 11 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
- भाजपा कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को लेकर असमंजस में हैं।
- विपक्षी पार्टियों ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करना तो दूर अभी अपने रूप को लेकर तस्वीर साफ नहीं की है।
- भाजपा की घेराबंदी के लिए बड़ी पार्टियों में भले ही अभी तक बात ना बन पाई हो लेकिन एक छोटी पार्टी इसे पूरी गंभीरता से ले रही है।
- जातिगत समीकरण के आधार पर इस पार्टी के नेता कई दलों के प्रमुख से मुलाकात कर समर्थन मांग चुके हैं कुछ जगहों से तो उन्हें हरी झंडी मिलने की चर्चा है।
वही जिलाधिकारी कार्यालय में अपने मातहतों के साथ बैठक कर रहे है। वैसे तो यहाँ अक्सर ही बैठके होती है, लेकिन आज की ये बैठक गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उप चुनाव की तैयारियों को लेकर है।
भारत निर्वाचन आयोग ने तिथि घोषित कर दी है। डीएम राजिव रौतेला ने बताया कि गोरखपुर लोक सभा के लिए उप चुनाव में 11 मार्च को मतदान जबकि 14 को मतगड़ना होनी है। जिसके लिए परिक्रिया 13 फरवरी से शुरू हो जायेगी।
फिलहाल गोरखपुर की लोकसभा सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है और पिछले कई वर्षों से योगी आदित्यनाथ यहां के सांसद रहे हैं भाजपा किसी स्थानीय चेहरे पर दाग लगाएगी या बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा इसको लेकर स्थिति अभी साफ नहीं हो सकी है।