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गंगोत्री नेशनल पार्क में हिमालयी नीली भेड़ों में संक्रमण पर NGT का नोटिस

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगोत्री नेशनल पार्क में भरल (ब्लू शीप) की आंखों में संक्रमण के मामले में उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा हैं। एनजीटी ने मुख्य सचिव, उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड, उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड और राज्य के प्रमुख सचिव वन को भी नोटिस भेज कर 9 फरवरी तक जवाब देने को कहा है।

priyankajoshi
Published on: 22 Dec 2017 2:27 PM IST
गंगोत्री नेशनल पार्क में हिमालयी नीली भेड़ों में संक्रमण पर NGT का नोटिस
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देहरादून: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगोत्री नेशनल पार्क में भरल (ब्लू शीप) की आंखों में संक्रमण के मामले में उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा हैं। एनजीटी ने मुख्य सचिव, उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड, उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड और राज्य के प्रमुख सचिव वन को भी नोटिस भेज कर 9 फरवरी तक जवाब देने को कहा है।

बीएसएफ टीम ने देखा था संक्रमण

यह नोटिस एनजीटी में दायर एक याचिका पर जारी किया गया है। याची गौरव बंसल का कहना था कि असिस्टेंट कमांडेंट लवराज सिंह धर्मशक्तू के नेतृत्व में बीएसएफ की पर्वतारोहण टीम ने केदार ताल के पास बीते सितंबर में भरलों की आंखों में संक्रमण देखा था। इस वजह से उनकी आंखें बाहर आ रही थीं और वे अंधी हो रही थी। उन्होंने इसकी जानकारी वन विभाग को भी दी थी लेकिन जैव विविधता कानून-2002 के विशेष प्राविधानों के बावजूद भरलों की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।



सुरक्षित स्थानों पर भेजें

अपील में हिमालयी ब्लू शीप यानी भरल को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की मांग की थी ताकि वे अनजाने विषाणु के संक्रमण से बचाई जा सकें और गंगोत्री नेशनल पार्क की भरलों को भी इस अनजानी बीमारी से बचाया जा सके।

कार्ययोजना बनाने और भरल को बचाने की मांग

वे भारतीय वन्यजीव संस्थान, इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की उच्चस्तरीय टीम बनाकर गंगोत्री नेशनल पार्क भेजे और क्षेत्र की भरलों को संक्रमण से बचाने के लिए कार्ययोजना बनाए। अगर बीमारी पर नियंत्रण न हुआ तो वह दुर्लभ हिम तेंदुए की भी शिकार बनेंगी क्योंकि भरल उसका प्रिय भोजन है।

कानूनन बचाने की है बाध्यता

राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना-2017-31 के मुताबिक केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय, मुख्य सचिव, उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड, उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड व राज्य के प्रमुख सचिव वन संरक्षित वन क्षेत्रों में वन्यजीवों को होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए बाध्य हैं।

क्या कहते हैं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती

इस मामले में इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टीटय़ूट बरेली के वैज्ञानिकों को भरलों की जांच का एक प्रस्ताव भेज चुके हैं। इस वक्त उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में बर्फ है फिर भी वन विभाग की एक टीम केदार खर्क क्षेत्र में एक हफ्ते पहले जा चुकी है लेकिन उसे अब तक संक्रमित भरल नहीं मिल सके हैं।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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