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उत्तराखंड सीएम धामी को लिखा गृह मंत्री अमित शाह का फ़र्ज़ी पत्र वायरल, साजिश बेनकाब

Nupur Sharma Controversy: उत्तराखंड सीएम धामी को लिखा गृह मंत्री अमित शाह का फ़र्ज़ी पत्र वायरल, साजिश बेनकाब. सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र की क्या है सच्चाई आइये हम आपको बताते हैं।

Rajat Verma
Published on: 14 Jun 2022 6:57 AM GMT (Updated on: 14 Jun 2022 8:51 AM GMT)
Fact Check: शाह ने धामी को लिखा पत्र, सुरक्षा व्यवस्था के लिए की सराहना, नूपुर शर्मा को बताया आइकॉन
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Viral letter of Amit Shah 

Fact Check Shah Letter to Dhami: नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक फ़र्ज़ी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने पूर्व भाजपा को हिन्दू राष्ट्र की लक्ष्य प्राप्ति का प्रतीक बताया है। वायरल इस फर्जी में उत्तरखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शाह ने उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए पहाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए देहरादून में रह रहे नूपुर शर्मा के परिवार को जेड सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है। इस पत्र के कारण कुछ लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुका है। आइये हम आपको बताते हैं क्या है इस वायरल पत्र का सच!

आपको बता दें कि पैगम्बर मोहम्मद पर बयान देने के बाद नूपुर शर्मा और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। पैगम्बर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद खाड़ी देशों तक इसका विरोध दर्ज होने के चलते भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निष्काषित कर दिया था। कांग्रेस नेत्री नगमा द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट पर इस पत्र को शेयर किया है।

वायरल पत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के नाम अपने पत्र में लिखा है कि-"राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के आपके प्रयासों की प्रशंसा करता हूं और श्री अजय गुप्ता को जेड सुरक्षा प्रदान करने का आपका निर्णय भी बेहद प्रशंसनीय है। वर्तमान परिदृश्य में मैं आपको देहरादून में श्रीमती नूपुर शर्मा के परिवार के लिए पैदा हो रहे खतरों और धमकियों को संज्ञान में लेते हुए आलोचनात्मक मूल्यांकन करने और तत्काल आधार पर जेड सुरक्षा प्रदान करने की सलाह देता हूं।''


ऐसे समय में जब स्वयं केंद्र सरकार ने नूपुर शर्मा के बयानों से किनारा कर लिया है और पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है, गृह मंत्री शाह का नूपुर शर्मा के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय और उन्हें आइकॉन बता कर पत्र वायरल करना केंद्र सरकार को बदनाम करने की एक गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।

दिल्ली भाजपा के आईटी हेड पुनीत अग्रवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि बेशर्म कांग्रेसी नेता माननीय एचएम श्री अमित शाह के नाम से ट्वीट कर रहे फर्जी पत्र। इस नकली पत्र को ट्वीट करने के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। बता दें कि यह पत्र फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस नेत्री नगमा से अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था।

आपको बता दें कि मई के अंत में एक टीवी डिबेट में की गई नुपुर शर्मा की टिप्पणी ने खासा विवाद खड़ा कर दिया। उनके बयान पर नाराजगी जताते हुए अरब देशों ने भारतीय राजदूतों को तालाब कर दिया था। नूपुर शर्मा के बयान के बाद तक़रीबन एक दर्जन से अधिक इस्लामी देशों ने भारत सरकार से अपनी नाराजगी प्रकट की थी। कुछ मुस्लिम देशों में तो भारतीय सामानों के बहिष्कार तक का मामला सामने आया था।

नूपुर शर्मा के बयान के बाद उपजे विवाद के कारण भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ता को पार्टी से निलंबित कर दिया था। यही नहीं पार्टी ने अपने दिल्ली मीडिया इकाई के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी एक ट्वीट में उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी का स्क्रीनशॉट साझा करने के लिए निष्कासित कर दिया गया था। नाराज इस्लामी राष्ट्रों को शांत करने के प्रयास में, भारतीय राजनयिकों ने कहा था कि नूपुर शर्मा की टिप्पणियां सरकार के रुख को नहीं दर्शाती हैं।

नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी की थी

अपनी बर्खास्तगी के बाद एक बयान में, सुश्री शर्मा ने लिखा कि वह "बिना शर्त" अपनी टिप्पणी वापस ले रही थीं, लेकिन उन्होंने यह दावा करके अपनी टिप्पणियों को सही ठहराने का प्रयास किया कि वे "हिंदू भगवान शिव के प्रति निरंतर अपमान और अनादर" के जवाब में थीं। नूपुर शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद पर बहस के दौरान पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी की थी।

नूपुर शर्मा ने 2008 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, जब उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार के रूप में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। उनके राजनीतिक करियर ने 2011 में गति पकड़ी जब वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून में स्नातकोत्तर करने के बाद भारत लौटीं।

तेज और मुखर, बहस करने और अंग्रेजी और हिंदी दोनों में अपनी बात रखने की उनकी क्षमता ने उन्हें 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की मीडिया समिति में स्थान दिलाया। दो साल बाद जब नए सिरे से चुनाव हुए, तो वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा की उम्मीदवार थीं। 2020 में वह भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाई गयीं।

Ragini Sinha

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