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Ankita Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड के सभी आरोपियों का होगा नार्को टेस्ट, कोर्ट में अपील दायर
Ankita Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड के सभी हत्यारों का नार्को टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट में अपील दायर कर टेस्ट की अनुमति मांगी है।
Ankita Murder Case: उत्तराखंड का चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Murder Case) एकबार फिर सुर्खियों में है। अंकिता के सभी हत्यारों का नार्को टेस्ट (Ankita Murder Case) कराने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) ने इस बाबत कोर्ट में अपील दायर कर टेस्ट की अनुमति मांगी है। अदालत से हरी झंडी मिलते ही नार्को टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। टेस्ट के बाद ही इस मर्डर केस की चार्जशीट कोर्ट को सौंपी जाएगी।
दरअसल, अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी अपनी बेटी के तीनों हत्यारों का नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की थी। उन्होंने आरोपियों का नार्को टेस्ट और मर्डर केस की सीबीआई जांच की मांग करते हुए धरना भी दिया था। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान भी अपनी मांगों को उठा चुके हैं। लेकिन अब तक सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला है।
पुलिस क्यों करवाना चाहती है नार्को टेस्ट
दिल्ली के चर्चित श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट सफल माना जा रहा है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आफताब ने टेस्ट के दौरान कत्ल की बात कबूल कर ली और साथ ही मर्डर वेपन और बॉडीपार्ट्स के बारे में भी पुलिस को बताया। इससे उसके खिलाफ केस मजबूत हो गया है। उत्तराखंड पुलिस भी इसी से प्रेरित होकर अंकिता के तीनों हत्यारों का नार्को टेस्ट करवाना चाहती है। ताकि तीनों के विरूद्ध सबूतों को पुख्ता किया जा सके और अदालत सख्त से सख्त सजा दे।
क्या है अंकिता मर्डर केस
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के ऋषिकेश जिले में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। यह रिजॉर्ट बीजेपी से निकाले जा चुके पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का है। पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 18 सितंबर की रात 19 वर्षीय अंकिता को चिल्ला नहर में धकेल दिया था। अंकिता की लाश 24 सितंबर को मिली थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 24 घंटे के भीतर रिजॉर्ट मालिक पुलकित और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया था। बीजेपी के एक कद्दावर नेता के बेटे से मामला जुड़ा होने के कारण सरकार भी दवाब में आ गई थी।