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Ankita Murder case: अंकिता पर स्पेशल सर्विस देने का था दवाब, हुआ सबसे बड़ा खुलासा
Ankita Murder case: पुलिस को अब उन चार मेहमानों की तलाश है, जो हत्याकांड से कुछ दिन पहले रिसॉर्ट आए थे। पुलिस रिसॉर्ट के पुराने सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है।
Ankita Murder case: उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच एसआईटी कर रही है। जैसे – जैसे जांच आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। एसआईटी की टीम मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिसॉर्ट और फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों से सख्ती से पूछताछ कर रही है। इस दौरान एक कर्मचारी ने बताया कि रिसॉर्ट में हत्याकांड वाले दिन पहले चार वीआईपी गेस्ट काले रंग की लग्जरी कार से आए थे। पुलकित और उसके साथी अंकिता पर इन्हें स्पेशल सर्विस देने का दवाब बना रहे थे।
अंकिता ने आरोपियों की बात मानने से इनकार कर दिया। आरोपियों द्वारा हर तरीके से अंकिता पर दवाब बनाया गया लेकिन वो नहीं झुकी। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस को अब उन चार मेहमानों की तलाश है, जो हत्याकांड से कुछ दिन पहले रिसॉर्ट आए थे। पुलिस रिसॉर्ट के पुराने सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है।
अंकिता रो – रो कर इज्जत बचाने की लगा रही थी गुहार
रिसॉर्ट में काम करने वाले कर्मचारी अभिनव ने बताया कि हत्याकांड वाले दिन रिसॉर्ट में काली लग्जरी कार से चार वीआईपी मेहमान आए थे। चारों युवकों की उम्र 30 से 35 साल के बीच थी। ये इससे पहले भी यहां आए हुए थे और उस दिन भी पुलकित और अंकिता के बीच काफी झगड़ा हुआ था। चारों फिर 18 सितंबर को आए थे, मैं उस दिन सभा का सामान गाड़ी से निकालकर रूम में रख रहा था। उस समय मैंने ऊपरी मंजिल से देखा कि नीचे अंकिता मैम जोर – जोर से रो रही थीं और इज्जत बचाने की गुहार लगा रही थीं।
तभी रिसॉर्ट का मालिक और मुख्य आरोपी अंदर से बाहर आया और अंकिता को घसीटते हुए अंदर ले गया। अभिनव के अनुसार, अंकिता और पुलकित के बीच बहस के बाद चारों युवक फिर गाड़ी में बैठकर वहां से निकल गए। उसके कुछ देर बाद पुलकित, सौरभ और भास्कर भी अंकिता को लेकर कहीं बाहर निकल गए, जिसके बाद वो कभी वापस नहीं आईं। बकौल अभिनव उसने 15 सितंबर को ही यहां काम करना शुरू किया था, इसलिए उसे पहले की घटनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सस्पेंड पटवारी गिरफ्तार
अंकिता मर्डर केस में लापरवाही बरतने के आरोप में सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सस्पेंड किए गए पटवारी वैभव प्रताप को एसआईटी ने अरेस्ट कर लिया है। पटवारी पर आरोप है कि जब अंकिता के पिता सबसे पहले उनके पास अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो उनकी सुनवाई नहीं हुई। उनकी शिकायत की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई।
बता दें उत्तराखंड सीएम के निर्देश पर डीआईजी पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में गठित एसआईटी अंकिता हत्याकांड की जांच कर रही है। टीम ने कुछ दिनों पहले चिल्ला नहर जहां शव मिला था, एक मोबाइल फोन बरामद किया है। जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। अभी तक एसआईटी को अंकिता का फोन नहीं मिला है। वहीं मुख्य आरोपी पुलकित का भी मोबाइल गायब है। ऐसे में नहर से बरामद फोन केस की गुत्थी सुलझाने में काफी अहम साबित हो सकती है।