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मनाया गया अंतरा दिवसः जानिये क्यों है ये महिलाओं के लिए खास
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के साथ इस बार विशेष अंतरा दिवस का भी आयोजन किया गया।
औरैया: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के साथ इस बार विशेष अंतरा दिवस का भी आयोजन किया गया। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अंतरा दिवस का आयोजन किया गया। इसमें गर्भवती की स्वास्थ्य जांच की गई और उनमें हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाएं चिह्नित की गई। साथ ही स्वैच्छिक रुप से परिवार नियोजन अपनाने वाली महिलाओं को अस्थाई गर्भ निरोधक साधन अंतरा लगवाने की सलाह दी गई। इस दौरान करीब 200 महिलाओं ने अंतरा को अपनाया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ शशिबाला सिंह ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें गर्भवती की स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार की जांचें निशुल्क की जाती हैं। स्वास्थ्य जांचों के आधार पर उच्च जोखिम गर्भावस्था के बारे में पता लगाया जाता है ताकि समय रहते उनका इलाज किया जा सके और उनका सुरक्षित प्रसव कराया जा सके।
इस बार शासन के निर्देश पर प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान दिवस के साथ विशेष अंतरा दिवस का भी आयोजन किया गया। इस बारे में विशेष रूप से आशा बहुओं को निर्देशित किया गया था कि वह कम से कम एक एक महिला लाभार्थी को अस्थाई परिवार नियोजन साधन अंतरा लगवाने के लिए प्रेरित करें। उन महिलाओं को भी प्रेरित करें, जिनका प्रसव हो गया हो और वह फिलहाल दूसरा बच्चा नहीं चाहती हों। ऐसी महिलाओं को प्रसव के 6 हफ़्ते बाद स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर उन्हें अंतरा इंजेक्शन लगवाएं।
डॉ सिंह ने बताया कि अंतरा दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं को इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि वह अस्थाई गर्भ निरोधक अंतरा इंजेक्शन लगवाकर तीन माह तक अनचाहे गर्भ से मुक्ति पा सकती है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। महिलाएं अंतरा इंजेक्शन को लेकर भ्रम न पालें। किसी भी जानकारी के लिए महिलाएं टोलफ्री नंबर 1800-103-3044 पर रिजस्ट्रेशन करवा कर किसी भी तरह की सलाह ले सकती है।
जनपदीय मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य सलाहकार अखिलेश कुमार ने बताया शुक्रवार को जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य इकाइयों पर भी दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती की जांच हुई। कुल 500 गर्भवती की रक्त, यूरिन, ब्लड प्रेशर, वजन इत्यादि की जांच हुई और हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली 13 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई।