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पहाड़ पर संचार : बैलून तकनीक से दूरस्थ क्षेत्रों को किया जाएगा हाईटेक
उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था में सुधार के लिए बैलून तकनीक के इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सूचना तकनीकि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
देहरादून:उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था में सुधार के लिए बैलून तकनीक के इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सूचना तकनीकि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। उन्होंने राज्य का डाटा बेस सेन्टर जल्द तैयार करने, सभी न्याय पंचायतों में कामन सर्विस सेन्टर(सीएससी) की स्थापना के साथ ही बैलून तकनीक के उपयोग पर ध्यान देने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने आईटी के क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
सोमवार को आईटी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों तक आईटी की पहुंच होगी तभी ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं और सुविधाओं के मौके मुहैया हो सकेंगे। बेहतर शिक्षा के साथ स्वस्थ्य मनोरंजन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में हम इस बात की अनदेखी नहीं कर सकते।
पहाड़ पर संचार : बैलून तकनीक से दूरस्थ क्षेत्रों को किया जाएगा हाईटेक
बैठक में आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था के लिए एयरोस्टेट यानी बैलून तकनीक के बारे में जानकारी दी। इसके लिए आईआईटी मुम्बई से एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए हैं।परियोजना का पहला ट्रायल अहमदनगर में किया जा चुका है।जबकि दूसरा ट्रायल उत्तराखण्ड में अप्रैल में प्रस्तावित है।
इस कड़ी में आईटी स्मार्ट विलेज योजना के तहत चमोली जिले के घेस गांव को प्रारम्भिक चरण में आईटी में सक्षम बनाया जाना प्रस्तावित है।मार्च2018 तक घेस गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (सी.एस.सी.) प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। चमोली जिले के हिमनी तथा घेस गांवों के प्राथमिक विद्यालयों हेतु आधुनिक ऑल इन वन डिवाइस ‘के-यान’ भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
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