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Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में रोज जान गंवा रहे श्रद्धालु, हार्ट अटैक बना सबसे बड़ा कारण

Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा के दौरान रोज सामने आ रही श्रद्धालुओं की मौतें परेशान करने वाली हैं। 8 दिन के दौरान अब तक 23 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Shreya
Published on: 11 May 2022 6:54 PM IST
Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में रोज जान गंवा रहे श्रद्धालु, हार्ट अटैक बना सबसे बड़ा कारण
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चारधाम यात्रा (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Chardham Yatra 2022: उत्तराखंड (Uttarakhand) में पवित्र चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) तीन मई से शुरू हो चुकी है। कोविड (Covid-19) के कारण बीते दो साल से प्रभावित इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। लेकिन यात्रा के दौरान रोज सामने आ रही श्रद्धालुओं की मौतें (Death Of Devotees) परेशान करने वाली हैं। यात्रा के शुरू हुए 8 दिन हो चुके हैं और अब तक 23 श्रद्धालु यात्रा के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से अधिकतर मौतें हार्ट अटैक (Heart Attack) की वजह से हुई हैं।

बीते दिनों उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, सोमवार को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में 14 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। इसके अलावा केदारनाथ में पांच और बद्रीनाथ में एक यात्री की मौत हुई थी। मृतकों में एक नेपाली मजदूर भी है। बता दें कि चारधाम मैदानी क्षेत्र से तकरीबन 10 हजार से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जानकारी के मुताबिक, इतनी ऊंचाई पर चढ़ने वाले अधिकतर श्रद्धालुओं में बुजुर्ग और दिल की किसी बीमारी से जूझने वाले लोग शामिल हैं।

पीएमओ ने तलब की रिपोर्ट

चारधाम यात्रा के दौरान हो रही मौतों से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी चिंतित है। पीएमओ ने इस मामले में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) से रिपोर्ट तलब किया था। पीएमओ को भेजे रिपोर्ट में विभाग ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra News) के दौरान सरकार द्वारा मुहैया कराए जा रहे स्वास्थ्य सुविधाओं की पूरी जानकारी दी है।

स्वास्थ्य विभाग ने अपने जवाब में यह भी बताया है कि चारधाम आने वाले यात्रियों के लिए हेल्थ एडवाइजरी (Health Advisory) जारी कर दी गई है। जगह-जगह मेडिकल रेस्पांस टीम गठित की गई है, इसके अलावा कार्डियक एंबुलेंस की तैनाती भी गई है। रिपोर्ट में मौतों का कारण यात्रा मार्ग में ऑक्सीजन की कमी को बताया गया है।

बता दें कि दो साल के अंतराल पर चालू हुए चारधाम यात्रा में उत्तराखंड सरकार ने कोविड सर्टिफिकेट जरूरी नहीं किया है। इसके अलावा कोविड निगेटिव रिपोर्ट भी अनिवार्य नहीं किया गया है।

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Shreya

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