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CM of Uttarakhand 2022: उत्तराखंड में BJP की प्रचंड जीत, लेकिन धामी और सतपाल महाराज हारे, अब कौन बनेगा नया सीएम
CM of Uttarakhand 2022: उत्तराखंड के चुनावी नतीजों में भाजपा की प्रचंड जीत हुई है लेकिन अब मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
CM of Uttarakhand 2022: उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता पर कब्जा बनाए रखते हुए बड़ी चुनावी जीत हासिल की है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद हर पांच साल पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलती रही है मगर इस बार भाजपा ने इस मिथक को भी तोड़ दिया है।चुनावी नतीजों के रुझान से भाजपा 48 सीटों पर आगे निकल चुकी है। इस तरह पार्टी ने राज्य में प्रचंड जीत हासिल की है मगर पार्टी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत मुख्यमंत्री पद (Uttarakhand CM 2022) को लेकर पैदा होने वाली है।
राज्य में भाजपा की बड़ी जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा सीट पर चुनाव हार गए हैं। तीन बार मुख्यमंत्री पद के करीब पहुंचने वाले सतपाल महाराज को भी चौबट्टाखाल विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद(Uttarakhand CM 2022) के चेहरे को लेकर राज्य में सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
राज्य में नए मुख्यमंत्री(Uttarakhand CM 2022) को लेकर अनिल बलूनी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत के नाम चर्चाओं में हैं। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसी नए चेहरे को सामने लाकर हर किसी को चौंका भी सकता है।
साढ़े छह हजार वोट से हारे धामी
उत्तराखंड में इस बार भाजपा को प्रचंड जीत जरूर हासिल हुई है मगर मुख्यमंत्री धामी को हार का मुंह देखना पड़ा है। कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने धामी को साढ़े छह हजार से अधिक मतों से हरा दिया है। धामी पहले राउंड की गिनती के बाद ही मतगणना में पिछड़ने लगे थे और आखिरकार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने हराने में कामयाबी हासिल की।
उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कापड़ी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। वे उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी रह चुके हैं। धामी ने खटीमा सीट पर 2012 और 2017 में जीत हासिल की थी मगर वे इस सीट पर हैट्रिक लगाने में सफल नहीं हो सके।
भाजपा ने उत्तराखंड में अपने 5 साल के राज में तीन मुख्यमंत्री बनाए थे मगर इस बार पार्टी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलना होगा। धामी को करीब 6 महीने पहले राज्य की कमान सौंपी गई थी और उन्होंने इन 6 महीनों के दौरान काफी तेजी से काम किया था मगर खटीमा में हार के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं बिल्कुल खत्म हो गई है।
धामी को नहीं थी हार की आशंका
वैसे धामी को खटीमा में अपनी चुनावी हार की आशंका नहीं थी और इसी कारण वे राज्य के दूसरे चुनाव क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय दिखे। नामांकन दाखिल करने के बाद वे सिर्फ चार बार अपने चुनाव क्षेत्र में पहुंचे मगर कांग्रेस प्रत्याशी कापड़ी ने खटीमा सीट पर पूरा जोर लगा रखा था। छह महीने के कार्यकाल के दौरान धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई काम कराने की कोशिश की मगर फिर भी उन्हें इस बार हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे में अब उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिलना तय माना जा रहा है। नए मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही थी मगर सतपाल महाराज भी चौबट्टाखाल विधानसभा सीट पर चुनाव हार गए हैं।
नए सीएम के लिए इन नामों की चर्चा
भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब सियासी हलकों में इन चर्चाओं ने काफी तेजी पकड़ ली है कि आखिर कौन उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री बनेगा। इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की दावेदारी को काफी मजबूत माना जा रहा है। पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले अनिल बलूनी पार्टी के तेजतर्रार नेता माने जाते हैं। ऐसे में उनके नाम की चर्चाएं काफी तेज हैं।
हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का नाम भी दावेदारी में आगे चल रहा है। वे पूर्व में भी मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल चुके हैं और इसके साथ ही केंद्र में मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे हैं।
उत्तराखंड के मौजूदा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत का भी नाम दावेदारों में लिया जा रहा है। पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले धन सिंह रावत संघ से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनकी भी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
वैसे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हमेशा अपने फैसलों से हर किसी को चौंकाता रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि किसी नए चेहरे को भी मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है। अब हर किसी की निगाहें शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर टिकी हुई हैं।